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संत रामानुजाचार्य को बड़ा सम्मान, पीएम मोदी ने देश को समर्पित किया 216 फीट ऊंचा Statue Of Equality

पीएम मोदी ने देश को 11वीं सदी के वैष्णव संत रामानुजाचार्य की मूर्ति समर्पित कर दी है. ये मूर्ति 216 फीट ऊंची है और एक हजार करोड़ की लागत से बनाई गई है.

पीएम मोदी ने समर्पित किया Statue Of Equality पीएम मोदी ने समर्पित किया Statue Of Equality
मोहित शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:58 PM IST
  • पांच धातुओं से बनाई गई है रामानुजाचार्य की मूर्ति
  • हर देश का झंडा लगाने की तैयारी, सभी धर्म को सम्मान

पीएम नरेंद्र मोदी आज हैदराबाद दौरे पर हैं. यहां पर उन्होंने देश को 216 फीट ऊंची Statue Of Equality की मूर्ति समर्पित की है. ये मूर्ति 11वीं सदी के वैष्णव संत रामानुजाचार्य की है. उनके जन्म के एक हजार वर्ष पूरे हो चुके हैं, ऐसे में पीएम मोदी द्वारा वैष्णव संत को ये बड़ा सम्मान दिया जा रहा है. 

मूर्ति की खासियत क्या है?

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बताया गया है कि Statue Of Equality बैठी हुई मुद्रा में दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति है. इसे एक हजार करोड़ की लागत से तैयार किया गया है. इसको बनाने में सोना, चांदी, तांबा, पीतल का भरपूर इस्तेमाल किया गया है. मूर्ति के अलावा  63,444 वर्ग फुट क्षेत्र के भूतल में एक विशाल फोटो गैलरी भी तैयार की गई है जहां पर संत रामानुजाचार्य का पूरा जीवन देखने को मिलेगा.

जानकारी ये भी मिली है कि संत रामानुजाचार्य की मूर्ति के पास में सभी देशों के झंडे लगाए जाएंगे. ऐसा करने के पीछे मंशा ये है कि संत रामानुजाचार्य ने अपने पूरे जीवन में कभी भी जाति-धर्म-रंग के नाम पर कोई भेदभाव नहीं किया था.

पीएम मोदी क्या बोले?

अब पीएम मोदी ने उन्हीं सत की इस विशाल मूर्ति का अनावरण कर दिया है. पहले उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्जना की, पूरे रीति-रिवाज के साथ सभी परंपराओं को पूरा किया और फिर इस 216 फीट ऊंची मूर्ति को देश के नाम समर्पित किया. इस खास मौके पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान विस्तार से संत रामानुजाचार्य के विचारों के बारे में बताया है. उन्होंने उन्हें ज्ञान का सच्चा प्रतीक माना है, जोर देकर कहा है कि वे कभी भी भेदभाव नहीं करते थे. वे हमेशा यहीं चाहते थे कि सभी का विकास हो, सभी को सामाजिक न्याय मिले. 

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मोदी ने किया महात्मा गांधी का जिक्र

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने इस बात का भी जिक्र किया कि इस मूर्ति के अनावरण के साथ एक बार फिर पूरे देश में सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की नींव को मजबूत कर दिया गया है. भाषण के दौरान वो पल भी आया जब मोदी ने विस्तार से देश की आजादी और उसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जिक्र किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी आजादी की परिकल्पना बिना महात्मा गांधी के नहीं की जा सकती है.

देश की आजादी पर बड़ा बयान

उनके मुताबिक जब देश आजाद भी होने वाला था, तब किसी का भी उदेश्य सत्ता में आना नहीं था, बल्कि कई विचारधाराओं का एक संघर्ष था. पीएम ने इस बात पर भी खुशी जाहिर की कि अब पूरे देश में संत रामानुजाचार्य के विचारों का विस्तार हो चुका है. वे मानते हैं कि देश के हर कोने में अब उनके ज्ञान की चर्चा है, उनकी विचारधारा का सम्मान है.

कैसा रहा पीएम का हैदराबाद दौरा?

इस अनावरण से पहले पीएम मोदी ने पाटनचेरु में ICRISAT की 50वीं वर्षगांठ समारोह में शिरकत की थी. तब पीएम ने कहा था कि हम दोहरी रणनीति पर काम कर रहे हैं. एक तरफ हम वाटर कर्वर्जन के माध्यम से नदियों को जोड़कर एक बड़े क्षेत्र को इरिगेशन के दायरे में ला रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ हम कम सिंचित क्षेत्रों में वाटर यूज इफेसिएंसी बढ़ाने के लिए माइक्रो इरिगेशन पर जोर दे रहे हैं.

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जानकारी के लिए बता दें कि ICRISAT एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में विकास के लिए कृषि अनुसंधान करता है. यह किसानों को बेहतर फसल की किस्में और संकर प्रदान करके मदद करता है

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