Advertisement

पराली जलाए जाने के कारण बढ़ा प्रदूषण, सुप्रीम कोर्ट ने 4 राज्यों के मुख्य सचिव को किया तलब

सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाए जाने की बढ़ती घटनाओं के कारण बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी को तलब किया है.

सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 1:09 AM IST
  • मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने की सुनवाई
  • सीजेआई ने पराली पर जारी किया नोटिस
  • यूपी, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा को नोटिस

पराली जलाए जाने का मौसम आ गया है. साथ ही आ गया है उत्तर भारत के कुछ राज्यों के चीफ सेक्रेटरी के सुप्रीम कोर्ट के चक्कर लगाने का मौसम भी. सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाए जाने की बढ़ती घटनाओं के कारण बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी को तलब किया है.

इस मामले की वर्चुअल सुनवाई करते हुए मंगलवार को चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने मजाकिया अंदाज में वकीलों से पूछा- स्टबल बर्निंग से निकलने वाला धुआं क्या कोरोना वायरस को मार देगा? इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कोर्ट से कहा कि जी नहीं. पराली जलाने से वायु प्रदूषण के कारण कोरोना महामारी और विकराल रूप ले लेगी.

Advertisement

इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने कहा कि इसे पूरी तरह से रोकने और कारगर विकल्प अपनाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है. सैटेलाइट से जंगल की आग की निगरानी होती है. ऐसा यहां भी हो. पराली जलाने वाले किसान को उसकी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य का कुछ हिस्सा रोकने पर भी विचार हो सकता है. सीजेआई ने कहा कि हम इस मसले पर फिलहाल तो नोटिस जारी करते हैं. फिर तय करेंगे कि इससे निजात पाने को क्या ठोस किया जा सकता है.

इन कुर्सियों पर बैठे बाबू पिछले साल और उससे भी पिछले कुछ वर्षों में कोर्ट के चक्कर लगा चुके हैं. हर साल रिपोर्ट बनती है. कोर्ट के सामने लंबी-चौड़ी लुभावनी योजनाएं, तकनीक का बखान किया जाता है. किसान कल्याण पराली योजना जैसी स्कीम, विदेशों से आयातित मशीनें और उनके चमत्कारिक काम की जानकारी कोर्ट को दी जाती रही है.

Advertisement

किसानों को पराली के सुरक्षित और आसान निपटान के लिए बजट भी कोर्ट को बताया जाता रहा है. खूब सपने बताए जाते हैं. फिर अगले साल सितंबर के आखिरी हफ्तों से जब जलती पराली का धुआं वायु प्रदूषण बढ़ने लगता है, तब सभी जागते हैं और फौरन बाबू तलब किए जाते हैं. हर साल पराली जलती है, हर साल मुकदमे आते हैं. हर साल अदालत लगती है, आदेश सुनाए जाते हैं. हर साल योजनाएं बनती हैं, हर साल बजट बन जाता है. हर साल पराली जलती है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement