Advertisement

वाराणसी में 15 फीसदी लोगों में कोरोना के टीके को लेकर हिचक, वैज्ञानिकों ने दी ये चेतावनी

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय सहित देश के चार विश्वविद्यालय के 17 वैज्ञानिकों ने कोरोना वैक्सीन को लेकर स्टडी की. इस स्टडी से पता चला कि वाराणसी और आसपास के जिलों की 15 फीसदी आबादी वैक्सीन हेजिटेंट है. इस स्टडी के दौरान शहरी और ग्रामीण लोगों का सर्वेक्षण किया गया. स्टडी में यह चेतावनी भी दी गई कि इस तरह के लोग कोरोना के नए वैरिएंट का माध्यम बन सकते हैं.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 12 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST

भारत में 15 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो कोरोना वैक्सीन लगवाने से कतराते हैं. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) सहित देश के चार विश्वविद्यालय के 17 वैज्ञानिकों की स्टडी से इसकी जानकारी मिली है. इस स्टडी से पता चलता है कि वाराणसी और आसपास के जिलों की 15 फीसदी आबादी में कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर हिचक है.

इन 17 वैज्ञानिकों के दल में शामिल बीएचयू के जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि 16 जनवरी 2021 को भारत सरकार ने कोरोना के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन अभियान की शुरुआत की थी. भारत ने 2021 के अंत तक देश की पूरी आबादी का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा था. हालांकि, यह लक्ष्य पूरा नहीं हुआ. इसी का पता लगाने क लिए देश के चार विश्वविद्यालयों के 17 वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक व्यापक अध्ययन. 

Advertisement

इस स्टडी से पता चला कि वाराणसी और आसपास के जिलों की 15 फीसदी आबादी वैक्सीन हेजिटेंट है मतलब वो वैक्सीन लगवाना नहीं चाहते उनमें इसे लेकर हिचक है. इस स्टडी के दौरान शहरी और ग्रामीण लोगों का सर्वेक्षण किया गया. इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं से भी डेटा इकट्ठा किया गया और उसका विश्लेषण किया गया. यह स्टडी इस सप्ताह फ्रंटियर्स ऑफ पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित हुआ. 

उन्होंने बताया कि इस स्टडी के दौरान हमारी टीम ने वैक्सीन को लेकर लोगों के व्यवहार का वैज्ञानिक तरीके से सर्वेक्षण किया. बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर वीएन मिश्रा ने बताया कि किसी भी समाज में वैक्सीन को लेकर हिचक खतरनाक है. इसलिए हमने टीके को लेकर हिचक और इसके कारकों को समझने के लिए वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में व्यापक ऑनलाइन और ऑफलाइन सर्वेक्षण किया.

Advertisement

उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण में आश्चर्यजनक था कि भारत में सबसे घातक दूसरी लहर के दौरान 75 फीसदी से अधिक लोगों ने या तो कोविड को गंभीरता से नहीं लिया या फर्जी खबरों पर भरोसा किया. 

इस स्टडी से पता चला कि उच्च आयवर्ग से जुड़े लोगों में कम आय वाले लोगों की तुलना में वैक्सीन को लेकर कम हिचक है. वैज्ञानिको ने इस स्टडी में यह चेतावनी भी दी है कि जिन लोगों को वैक्सीन टीका नहीं लगा है और जो कभी कोरोना संक्रमित नहीं हुए हैं, ऐसे लोग कोरोना के नए वैरिएंट का माध्यम बन सकते हैं. 

    Read more!
    Advertisement

    RECOMMENDED

    Advertisement