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'कहीं फिर से खाली न करना पड़े'...नया आशियाना मिलने से पहले जोशीमठ में प्रभावित परिवारों को सता रहा ये डर

जोशीमठ इन दिनों भू धंसाव की समस्या से जूझ रहा है. भू धंसाव के चलते जोशीमठ में करीब 800 घरों की दीवारों पर बड़ी बड़ी दरारें पड़ गई हैं. लोगों को प्रशासन ने घर छोड़ने के लिए कह दिया है. अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे लोगों ने सुरक्षित स्थान पर स्थाई पुनर्वास की मांग की है, ताकि उन्हें फिर से उसी संकट का सामना न करना पड़े. 

जोशीमठ में करीब 800 मकानों में पड़ी दरारें जोशीमठ में करीब 800 मकानों में पड़ी दरारें
aajtak.in
  • जोशीमठ,
  • 18 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:51 AM IST

जोशीमठ में लगातार भू धंशाव के चलते घरों में दरारें पड़ रही हैं. प्रशासन ने मकानों पर लाल निशान लगा दिए हैं. लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया जा रहा है. जोशीमठ में अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे लोगों ने सुरक्षित स्थान पर स्थाई पुनर्वास की मांग की है, ताकि उन्हें फिर से उसी संकट का सामना न करना पड़े. 

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जोशीमठ औली के पास स्थित है, इसे बद्रीनाथ और हेमकुंड का मुख्यद्वार भी कहा जाता है. जोशीमठ इन दिनों भू धंसाव की समस्या से जूझ रहा है. भू धंसाव के चलते जोशीमठ में 800 से ज्यादा घरों की दीवारों पर बड़ी बड़ी दरारें पड़ गई हैं. सड़कें फट गई हैं. लोगों को प्रशासन ने घर छोड़ने के लिए कह दिया है. जिन घरों में दरारें पड़ी हैं, उन्हें असुरक्षित घोषित करते हुए उन पर लाल क्रॉस का निशान लगा दिया गया है. 

समाचार एजेंसी के मुताबिक, स्थानीय निवासी सुनैना सकलानी ने कहती हैं, हम सुरक्षित स्थान पर स्थाई पुनर्वास चाहते हैं, ताकि हमें फिर से उसी स्थिति का सामना न करना पड़े. सुनैना ने कहा कि प्रशासन हमें पीपलकोटी और गौचर में पुनर्वास करने की बात कर रहा है. लेकिन कर्णप्रयाग में भी भूधंसाव हो रहा है. ऐसे में अगर ऐसा ही पीपलकोटी और गौचर पर हुआ, तो हम कहां जाएंगे?

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2 जनवरी से बुरे हुए हालात

सुनैना सुनील इलाके में रहने वाले दुर्गा प्रसाद की चौथी बेटी हैं. उन्होंने हाल ही में ग्रेजुएशन किया है. दुर्गा प्रसाद का घर वार्ड नंबर 7 में है. यह वही इलाका है, जहां सबसे पहले दरारें देखी गई थीं. सुनैना की बहन नेहा ने बताया कि शुरुआत में दरारें छोटी थीं. लेकिन 2 जनवरी के बाद ये चौड़ी हो गईं. उन्होंने कहा कि जब उनके पिता ने शिकायत की थी, तब ध्यान दिया गया होता, तो ये स्थिति न पैदा होती. 

राहत शिविर में शिफ्ट होने के बाद बिगड़े हालात

सुनैना के परिवार को एक हफ्ते पहले अस्थाई राहत शिविर में शिफ्ट किया गया है. यह जगह उनके घर से 1.5 किमी दूर है. सुनैना के घर को असुरक्षित जोन घोषित किया गया है. हालांकि, उन्हें अपने पशुओं की देखभाल करने के लिए अपने पुराने घर पर जाना पड़ता है. उनके पशु उसी घर में हैं. सुनैना और नेहा ने बताया, उनके पिता किसान हैं और मां बीमार रहती हैं. राहत शिविर में शिफ्ट होने से उनके जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ा है. दोनों का कहना है कि उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई है. उनकी मां की तबीयत खराब हो गई, जिनका पिछले कुछ समय से देहरादून में इलाज चल रहा है. 
  
ममता बनर्जी ने साधा केंद्र पर निशाना

जोशीमठ के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर निशाना साधा है. ममता बनर्जी ने जोशीमठ में स्थिति को बेहद खतरनाक बताया. उन्होंने कहा कि केंद्र को जोशीमठ के निवासियों की सुरक्षा के लिए युद्धस्तर पर कदम उठाने चाहिए. ममता बनर्जी ने कहा कि जोशीमठ के धंसने को लेकर पहले से आशंका जताई जा रही थी. ऐसे में केंद्र को काफी पहले कदम उठाने चाहिए थे, उन्होंने कहा कि जोशीमठ के रहने वाले लोग इस आपदा के लिए जिम्मेदार नहीं है. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि आपदा के समय लोगों का ख्याल रखा जाए. 
 

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