Advertisement

असम में भाजपा महिला नेता की आत्महत्या में उलझा पेच, नौकरी के लिए नकदी घोटाले में बदला मामला

असम की भाजपा नेता इंद्राणी तहबीलदार की आत्महत्या का मामला उलझता जा रहा है. पुलिस ने शुरुआत में इस मामले को आत्महत्या का मामला मानकर जांच शुरू की थी. चालिहा की गिरफ्तारी के बाद घोटाले का एंगल सामने आया, जिनके घर से विभिन्न सरकारी नौकरियों के प्रवेश पत्र बरामद किए गए.

इंद्राणी तहबीलदार (फाइल फोटो) इंद्राणी तहबीलदार (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 5:07 PM IST

असम की भाजपा नेता इंद्राणी तहबीलदार की आत्महत्या का मामला राज्य के मौजूदा 'नौकरी के बदले नकदी घोटाले' में बदल गया है. पुलिस ने भर्ती प्रक्रिया में कथित भूमिका के लिए पार्टी के करीबी पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. तहबीलदार की भाजपा के एक अन्य सदस्य के साथ अतरंग तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं. इसके बाद उन्होंने 11 अगस्त कथित तौर पर नींद की गोलियों की अधिक मात्रा खाकर आत्महत्या कर ली थी. 

Advertisement

शनिवार रात को हुई एक व्यक्ति की गिरफ्तारी
गुवाहाटी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया, हमने शनिवार रात को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. इसके पहले चार लोग गिरफ्तार किए जा चुके थे. हालांकि, उन्होंने जांच जारी होने का हवाला देते हुए इससे अधिक जानकारी नहीं दी. अधिकारी ने बताया कि आरोपी फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं. भाजपा किसान मोर्चा की संयुक्त कार्यालय सचिव तृष्णा शर्मा की यहां चांदमारी पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में गिरफ्तारी हुई है. घोटाला सामने आने के बाद तृष्णा श्रमा को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. 

आत्महत्या मामले में पहले हुई थी तीन की गिरफ्तारी
गुवाहाटी पुलिस ने इससे पहले आत्महत्या मामले में अनुराग चालिहा, दीबन डेका, लेखांता दास और आशिम चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था. भाजपा किसान मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डेका को असम पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. इस मामले में एक और पूर्व भाजपा नेता मुख्य आरोपियों में से एक है, जिसे हाल ही में जेल से रिहा किया गया है. भाजपा नेता ने 2011 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था.

Advertisement

लेखांता दास को नौकरी के बदले नकदी घोटाले में नाम सामने आने के बाद पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से हटा दिया गया था. वह किसान मोर्चा के नलबाड़ी जिला अध्यक्ष था. जबकि भाजपा से निष्कासित अनुराग चालिहा किसान मोर्चा के नेता थे. वहीं, आशिम चक्रवर्ती पहले भाजपा का कैडर था. उसके अभी भी पार्टी के साथ करीबी संबंध थे. 
 
आत्महत्या से लेकर घोटाले के एंगल तक
पुलिस ने शुरुआत में इस मामले को आत्महत्या का मामला मानकर जांच शुरू की थी. चालिहा की गिरफ्तारी के बाद घोटाले का एंगल सामने आया, जिनके घर से विभिन्न सरकारी नौकरियों के प्रवेश पत्र बरामद किए गए. इस बीच, मृतका और उसके सहयोगियों के बीच बातचीत की ऑडियो क्लिप ने भी मामले के कई एंगल सामने रखे. एक सूत्र ने कहा कि गिरफ्तार किए गए इन पांच आरोपियों ने पूछताछ के दौरान कई अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं का नाम लिया है, जिसमें एक निगम का उपाध्यक्ष भी शामिल है, जो अगले साल लोकसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रहा है.
पार्टी के इतने सारे पदाधिकारियों की संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता रूपम गोस्वामी ने कहा, 'कानून अपना काम करेगा. पार्टी किसी भी कानूनी और जांच मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी.' 

Advertisement

कांग्रेस ने राज्यपाल से की थी घोटाले के दोषियों को सजा दिलाने की मांग
विपक्षी कांग्रेस की महिला नेताओं ने 24 अगस्त को असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की थी और घोटाले में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग की थी. एक ज्ञापन में विपक्षी दल ने आरोप लगाया था कि तहबीलदार की आत्महत्या की परिस्थितियों ने मौजूदा भाजपा नीत असम सरकार में 'भ्रष्टाचार के गिरोह' को उजागर किया है.

 

TOPICS:
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement