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सुपरटेक के ट्विन टावर गिराने पर फिर संशय, 10000 सुराख किए गए, लेकिन नहीं मिली विस्फोटक लगाने की NOC

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित सुपरटेक एमराल्ड (Supertech Emerald) की अवैध बहुमंजिला इमारत (ट्विन टावर) को ढहाने की तारीख पर संशय बरकरार है. इसका कारण यहा है कि आज बिल्डिंग में विस्फोटक लगाने का काम शुरू किया जाना था, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो सका है. इसका कारण अथॉरिटी से अनुमति न मिलना बताया जा रहा है.

सुपरटेक के ट्विट टावर सुपरटेक के ट्विट टावर
भूपेन्द्र चौधरी
  • नोएडा,
  • 02 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST

उत्तर प्रदेश के नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड (Supertech Emerald) की बनाई गई अवैध बहुमंजिला इमारत (ट्विन टावर) को ढहाने की तारीख को लेकर एक बार फिर संशय बढ़ गया है. आज (2 अगस्त) से  बिल्डिंग में विस्फोटक लगाने का काम शुरू होना था, लेकिन अथॉरिटी से अनुमति न मिलने के कारण काम नहीं शुरू हो सका है. जानकारी के मुताबिक विस्फोटक लगाने के लिए नोएडा पुलिस से NOC न मिलने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया है.

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बता दें कि 2 अगस्त से लेकर 20 अगस्त तक दोनों टावर में विस्फोटक लगाने के आदेश दिए गए थे. इसके लिए बकायदा दोनों टावर के अलग-अलग फ्लोर के पिलर में 10 हजार सुराख किए गए हैं. 20 अगस्त तक इन सभी सुराखों में 3700 किलो विस्फोटक भरा जाना है. इसके बाद 21 अगस्त को ट्विन टावर को गिराने की तारीख तय की गई है.

इससे पहले 1 अगस्त को ट्विन टावर ढहाने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दोबारा याचिका लगाई गई थी. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने PIL को खारिज करते हुए इसे बेमतलब की याचिका बताया था और याचिका लगाने वालों पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया था.

उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 93A में स्थित सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर को 21 अगस्त को गिराए जाने का आदेश हुआ है. सुपरटेक टावर को सुरक्षित तौर पर गिराने की जिम्मेदारी एडिफिस इंजीनियरिंग को दी गई है. एडिफिस ने केरल के कोच्चि में भी अदालत के आदेश पर पर्यावरण के नियमों की अवहेलना करके बनाई गई बहुमंजिला इमारत को ढहाया है. दिल्ली-एनसीआर में यह पहली बार होगा जब किसी गैर कानूनी निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत को अदालत के आदेश पर विस्फोट के जरिए गिराया जाएगा.

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धूल से बचने का बनाया गया प्लान

एक्सपर्ट्स के मुताबिक ट्विन टावर गिराते वक्त उड़ने वाली धूल से पर्यावरण को नुकसान होगा. इसके मद्देनजर एडिफिस और नोएडा अथॉरिटी ने टावर को सफेद और काले जिओ फाइबर से घेर दिया है. इसके अलावा धूल से बचने के लिए एक और प्लान बनाया गया है. इसमें टावर के आसपास के फूल-पौधों को प्लास्टिक की चद्दर से ढक दिया जाएगा.

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