
कृषि कानून के मसले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी की मंगलवार को बैठक हुई. तीन सदस्यों वाली कमेटी अब 21 जनवरी को किसानों के अलग-अलग संगठनों से मुलाकात करेगी. मंगलवार को कमेटी ने अपनी पहली बैठक की, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर मंथन किया. कमेटी सदस्यों का कहना है कि वो हर पक्ष की बात सुनेंगे, जो कानून के विरोध में है और जो पक्ष में है, सभी की बात सुनी जाएगी.
कमेटी के सदस्य अनिल घनवंत ने कहा कि आज हम सभी पहली बार मिले हैं, कमेटी ने तय कर लिया है कि किस आधार पर आगे बढ़ना है. हम सभी पक्षों को सुनेंगे और अंत में सर्वोच्च अदालत को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे.
अनिल घनवंत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो जिम्मेदारी दी गई है, वो उसे निभाएंगे. अगर किसान बैठक में नहीं आते हैं, तो हम उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे. साथ ही राज्यों का पक्ष भी लेंगे. अनिल घनवंत बोले कि हम पूरी तरह से इन कानूनों के पक्ष में नहीं थे, लेकिन अगर 70 साल बाद ऐसे कानून बने हैं और ये वापस हो जाएंगे तो आगे लंबा वक्त लग सकता है. किसानों के हित में जो होगा, कमेटी के जरिए वही आगे बढ़ाएंगे.
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कमेटी के दूसरे सदस्य प्रमोद जोशी ने बताया कि हम नई-पुरानी सभी यूनियन से बात कर रहे हैं, साथ ही वेबसाइट बनाई जा रही है, ताकि अगर कोई ऑनलाइन तरीके से अपनी राय रखना चाहे तो रख सकता है. प्रमोद जोशी बोले कि हम दो महीने में अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप देंगे. हमारी मुलाकात किसान संगठनों, केंद्र सरकार के नुमाइंदगों और मंडी सिस्टम से जुड़े लोगों से होगी.
आपको बता दें कि कृषि कानून के मसले पर जब सरकार और किसानों के बीच जब बातचीत से सहमति नहीं बनी, तब सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यों की कमेटी बनाई थी. हालांकि, भूपिंदर सिंह मान ने खुद को कमेटी से अलग कर लिया, अब ऐसे में तीन सदस्यों की कमेटी अपना काम कर रही है.