
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को भारत सरकार को असम डिटेंशन सेंटर में बंद 17 विदेशियों को रिहा करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं दर्ज है. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट पर गौर किया, जिसमें कहा गया था कि असम डिटेंशन सेंटर में 17 विदेशी बंद हैं.
बेंच ने कहा, ''हमारा मानना है कि भारत सरकार को इन 17 विदेशियों को रिहा करने के लिए फौरी तौर पर कदम उठाना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ कोई अपराध दर्ज नहीं है."
SC ने अप्रैल में मांगी थी जानकारी
यह देखते हुए कि कई विदेशी कुछ सालों से हिरासत केंद्रों में बंद हैं, सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में असम के राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण से दो साल से ज्यादा वक्त से हिरासत में लिए गए विदेशियों के बारे में जानकारी देने मांगी थी.
कोर्ट ने कानूनी सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया था कि विदेशियों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं का पता लगाए. इसके लिए हिरासत केंद्रों का दौरा करने के लिए एक टीम गठित करने का भी निर्देश दिया था.
यह भी पढ़ें: स्पेशल कोर्ट ने लिया संज्ञान तो आरोपी को अरेस्ट नहीं कर सकती ED, सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट, राज्य के हिरासत केंद्रों में दो साल से ज्यादा का वक्त गुजार चुके लोगों की रिहाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी.