
सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को पांच अक्टूबर को दोपहर दो बजे कोर्ट में पेश होने को कहा है. अपने आदेश के पालन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय को इसके लिए सभी इंतजाम सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में उसी दिन माल्या को लेकर सजा पर बहस भी होगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को अवमानना का दोषी पाया था, जिसके बाद माल्या ने पुनर्विचार याचिका लगाई थी.
देश की सबसे बड़ी अदालत ने अब ये पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी है, जिससे माल्या को दोषी पाने वाला फैसला बरकरार रहेगा. इस मामले पर 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
2017 में अवमानना का दोषी
पूरा मामला एक वित्तीय लेन-देन से जुड़ा हुआ है. दरअसल, विजय माल्या ने कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाकर बैंक लोन चुकाने के बजाय पैसा अपने बेटे के खाते में ट्रांसफर कर दिया था. माल्या पर 40 मिलियन यूएस डॉलर अपने बेटे के खाते में ट्रांसफर करने का आरोप है.
कोर्ट के फैसले के खिलाफ जाकर बैंकों का लोन नहीं चुकाना विजय माल्या को भारी पड़ गया. कोर्ट ने मई 2017 में माल्या को अवमानना को दोषी पाया था. सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह की याचिका पर यह आदेश दिया था.
इस फैसले के खिलाफ माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. इसी साल 16 जून को जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने बताया कि रिकॉर्ड के मुताबिक, तीन साल से पुनर्विचार याचिका कोर्ट के सामने पेश ही नहीं की गई.