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सुप्रीम कोर्ट ने 73 साल बाद पहली बार मनाया स्थापना दिवस, सिंगापुर के चीफ जस्टिस रहे मुख्य अतिथि

सुप्रीम कोर्ट ने 73 साल बाद अपना स्थापना दिवस मनाया. मुख्य अतिथि सुंदरेश मेनन ने कहा कि सबसे व्यस्ततम माना जाने वाला भारत का सुप्रीम कोर्ट न केवल विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान रखता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी भारतीय न्यायपालिका के जजों ने अपना परचम लहराया है. CJI ने कहा कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान जब दुनिया घरों की चारदीवारी में कैद हो गई थी.

सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:57 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने 73 साल बाद अपना स्थापना दिवस मनाया. कार्यक्रम में सिंगापुर के चीफ जस्टिस सुंदरेश मेनन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ समेत कोर्ट के सभी जजों की उपस्थिति में हुए कार्यक्रम में पूरी दुनिया में न्यायपालिका की भूमिका और उसकी चुनौतियों पर चर्चा हुई. इस अवसर पर सुंदरेश मेनन ने कहा कि सबसे व्यस्ततम माना जाने वाला भारत का सुप्रीम कोर्ट न केवल विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान रखता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी भारतीय न्यायपालिका के जजों ने अपना परचम लहराया है. जस्टिस मेनन ने कहा कि अपने न्यायिक उसूलों की वजह से दुनिया भर में जमाना बदला, लेकिन न्यायपालिकाओं में जज तब भी और अब भी शपथ लेते हैं कि बिना भय और पक्षपात के इंसाफ करेंगे. 

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SC में 3 महीनों में 12 हज़ार से ज्यादा मामले दाखिल हुए
हमारे पास न तो सैन्य बल है और न ही खजाना. लेकिन हम अपने नैतिक बल और संवैधानिक अधिकार के तहत बदलते दौर में भी अपने न्यायिक निर्णय और आदेशों के जरिए अपनी भूमिका निभाते हैं. भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने समारोह में कहा कि पिछले 3 महीनों में 12 हज़ार से ज्यादा मामले सुप्रीम कोर्ट मे दाखिल किए गए. लेकिन लगभग उतनी ही संख्या में मुकदमों का निपटारा भी किया गया.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट प्रस्तावों में न्यायपालिका के लिए 7000 करोड़ का प्रावधान किया है. इससे न्यायपालिका के इंफ्रास्ट्रक्चर को फायदा होगा. लोगों तक न्याय पहुंचाना आसान होगा.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई कई सुनवाई
CJI ने कहा कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान जब दुनिया घरों की चारदीवारी में कैद हो गई थी, तब भारतीय न्यायपालिका ने मुकदमों की सुचारू सुनवाई के लिए अत्याधुनिक वीडियो कॉन्फ्रेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आम जनता के लिए घर बैठे साढ़े तीन लाख से ज्यादा मामलों की सुनवाई हुई और हजारों मामलों का निपटारा हुआ. 

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पहली सुनवाई 28 जनवरी 1950 को
सिंगापुर के चीफ जस्टिस सुंदरेश मेनन की मौजूदगी में CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि सिंगापुर और कनाडा के कुछ कानून के साथ हमारे कानून में कई समानताएं है. CJI ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पहली सुनवाई 28 जनवरी 1950 को संसद के क्वींस चेंबर हॉल में हुई थी. उस समय सुप्रीम कोर्ट में जजो के 8 पद बनाए गए थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश हरि लाल जे कनिया समेत 6 जजों के साथ सुप्रीम कोर्ट की शुरुआत साथ हुई थी. 

1954 में सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग बनाने को लेकर फैसला
वही 1954 में सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग बनाने को लेकर फैसला लिया गया. CJI ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने शुरुआत के एक साल में फंडामेंटल राइट समेत कई अहम मुद्दों पर सुनवाई की. पहली बार 1950 में हैदराबाद और 1954 में कश्मीर में अदालत लगी. अभी सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के कुल 34 पद हैं. 17 से ज्यादा पीठ हैं. मुख्य न्यायधीश की पीठ के सामने रोज़ 30 से 60 केस मेंशन किए जाते हैं. इससे हमको देश की नब्ज को समझने में मदद मिलती है. CJI ने कहा कि हमारे लिए कोई भी केस छोटा या बड़ा नहीं होता है सुप्रीम कोर्ट के लिए सभी केस महत्वपूर्ण होते है.
 

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