Advertisement

One Rank One Pension में अब बदलाव नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की रिव्यू पेटिशन

देश में सैन्य कर्मियों को लंबे आंदोलन के बाद 'एक रैंक-एक पेंशन' (One Rank One Pension-OROP) का अधिकार मिला था. ये लड़ाई सड़क से लेकर अदालत तक चली और मार्च 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे लेकर एक अहम फैसला दिया. अदालत के इसी फैसले को चुनौती देने वाली एक पुनर्विचार याचिका (Review Petition) को अब सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सृष्टि ओझा/अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:29 PM IST
  • मार्च में अदालत ने दिया था अहम फैसला
  • नहीं काम आई पूर्व सैनिकों की दलील

सुप्रीम कोर्ट ने 'वन रैंक-वन पेंशन' पर मार्च 2022 के अपने आदेश को बरकरार रखा है. और इस मामले में दायर की गई एक पुनर्विचार याचिका (Review Petition) को खारिज कर दिया है. ये याचिका 'इंडियन एक्स-सर्विस मूवमेंट' ने दायर की थी. याचिका में केंद्र सरकार के ओआरओपी को लेकर 2015 में जारी नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई थी. 

अदालत ने दिया था विस्तृत फैसला

Advertisement

न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने रिव्यू पेटिशन को खारिज करते हुए कहा कि OROP पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च 2022 में सरकार की One Rank One Pension Policy पर एक विस्तृत फैसला दिया था. इस नीति में एक निश्चित समयांतराल पर पेंशन में संशोधन का प्रस्ताव किया गया था.

दरअसल, एक्स-सर्विसमैन (पूर्व सैन्य कर्मियों) के इस संगठन की दलील थी कि समान समयावधि के कार्यकाल के साथ समान रैंक पर रिटायर होने वाले सैन्य कर्मियों के लिए एक यूनिफॉर्म पेंशन होनी चाहिए. इस मामले में सरकार और पूर्व सैन्य कर्मियों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की उस नीति को स्वीकार कर लिया था, जिसमें सरकार ने पेंशन के संशोधन के लिए 2013  को कट-ऑफ डेट बनाने की बात कही थी.

Advertisement

नहीं काम आई पूर्व सैन्य कर्मियों की ये दलील

इस व्यवस्था को चुनौती देते हुए एक्स-सर्विसमेन एसोसिएशन ने दलील दी थी कि इससे जो उन सैन्य कर्मियों को कम पेंशन मिलेगी जो 2013 से पहले रिटायर होंगे, जबकि जो लोग 2013 के बाद रिटायर होंगे उन्हें अधिक पेंशन मिलेगी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने से मना कर दिया है और इस संबंध में दाखिल रिव्यू पेटिशन को खारिज कर दिया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement