
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को मराठा आरक्षण के मसले पर पांच जजों की बेंच के सामने सुनवाई शुरू हो गई है. अदालत में तमिलनाडु और केरल सरकार की ओर से सुनवाई टालने की अपील की गई है.
केरल-तमिलनाडु सरकार का कहना है कि चुनावों के कारण इस सुनवाई को टाल देना चाहिए, क्योंकि ये पॉलिसी से जुड़ा फैसला होगा. ऐसे में सरकार अभी कोई पक्ष नहीं ले सकती है.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सरकार के पास अपना जवाब देने के लिए एक हफ्ते का वक्त है. सरकारें अपना लिखित जवाब तैयार करें और अदालत को दें. अभी सिर्फ इस चीज़ पर फोकस है कि इंद्रा साहनी जजमेंट को फिर से देखने की जरूरत है या नहीं.
आपको बता दें कि इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की ओर से सभी राज्यों से पूछा गया था कि आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से बढ़ाया जा सकता है. अदालत ने हर राज्य की राय मांगी थी, क्योंकि इस फैसले का असर काफी व्यापक हो सकता है.