Jahangirpuri Live: जहांगीरपुरी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम की अतिक्रमण पर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अतिक्रमण की कार्रवाई पर रोक जारी रखी है. कोर्ट इस मामले में 2 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. इसके अलावा कोर्ट ने सभी पक्षों से जवाब मांगा है. इससे पहले सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, एमसीडी की ये कार्रवाई एक समुदाय को टारगेट करने के लिए की जा रही है. वहीं, सॉलिसिटर जनरल ने कहा, एमसीडी की ये कार्रवाई सिर्फ अतिक्रमण के खिलाफ थी. उधर, जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने देशभर में बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की, इससे कोर्ट ने इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बिना बुलडोजर नहीं हो सकती. इन सबके बीच कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल जहांगीरपुरी पहुंचा है. यह पीड़ितों से मुलाकात कर सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंपेगा.
जहांगीरपुरी में दिल्ली पुलिस द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. साथ ही पूरे इलाके की निगरानी के लिए जहांगीरपुरी में ही एक अस्थाई स्टेशन भी बनाया गया है.
जामिया के कई छात्रों ने इकट्ठा होकर बुलडोजर कार्यवाही का विरोध किया छात्रों का यह भी कहना था कि जहांगीरपुरी में हिंसा के बाद जो भी कार्यवाही हुई वह एक तरफा थी कई छात्र एक साथ यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 8 पर इकट्ठा हुए और फिर वहां पोस्टर बैनर के साथ नारेबाजी शुरू हो गई मजे की बात यह रही कि इनमें से कई छात्र मीडिया से बात करने से बचते रहे कुछ छात्रों ने बात की भी तो उन्होंने अपना नाम बताने से इनकार कर दिया.
दिल्ली की तरह अब मध्यप्रदेश में भी घुसपैठियों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी की जा रही है. मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि 'सभी पुलिस थानों और सभी पुलिस अधीक्षकों को ये निर्देश जारी किए गए है कि जो विदेशी घुसपैठिए प्रदेश में अगर कहीं रहते हैं तो एक सघन अभियान संपूर्ण में चलाया जाए. मकान मालिकों से किरायदारों के बारे में जानकारी ली जाएगी. इंटेलिजेंस के माध्यम से जानकारी भी लेने को कहा गया है. एक अभियान चलाकर घुसपैठियों की शिनाख्त करने के निर्देश संपूर्ण मध्य प्रदेश पुलिस को दिए गए हैं'.
जहांगीरपुरी में हिंसा वाली जगह पर नगर निगम के बुलडोजर से कार्रवाई होने के बाद राजनीति गर्मा गई है. कांग्रेस, के बाद अब आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल जहांगीरपुरी पहुंचा. यह प्रतिनिधिमंडल बुलडोजर से हुई कार्रवाई में नुकसान झेलने वाले लोगों से मुलाकात कर एक रिपोर्ट तैयार करेगा.
कांग्रेस नेता अजय माकन के नेतृत्व में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल जहांगीरपुरी पहुंचा है. यहां वे उन लोगों से मिलेंगे, जिनकी दुकानों और घरों को बुधवार को एमसीडी की कार्रवाई में नुकसान पहुंचा है. इसके बाद कांग्रेस के नेता सोनिया गांधी को इस मामले में रिपोर्ट सौपेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी है. हालांकि, तब तक कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी रखा है. कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों से जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा, सभी लोग एक दूसरे की दलीलों पर जवाब दें. हम सभी याचिकाओं पर नोटिस कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा, हमारे आदेश के बाद भी कार्रवाई चलती रही है, तो हम इसे भी गंभीरता से लेते हैं. कोर्ट ने साफ कर दिया कि यथास्थिति का आदेश सिर्फ दिल्ली के लिए है.
याचिकाकर्ता के वकील दवे ने कहा- ये देश संविधान और कानून के शासन से चलता है. यहां 30 साल से ज्यादा पुरानी दुकाने हैं . जे जे कालोनी, स्लम, गांव आदि के लिए नियम कानून बनाए गए हैं. बीजेपी अध्यक्ष की चिट्ठी देश के हालात की दुखद कमेंट्री है.
इस पर जस्टिस राव ने कहा, हमने सुना है कि हिंदुओं की प्रापर्टी भी तोड़ी गई है.
कपिल सिब्बल ने कहा, अतिक्रमण की समस्या दिल्ली नहीं बल्कि पूरे देश की है. लेकिन यहां सिर्फ मुस्लिमों को टारगेट किया जा रहा है. वो भी खासतौर पर रामनवमी के दिन.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, कल का अभियान सिर्फ फुटपाथ साफ करने के लिए थी. इस पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा, आप कुर्सियां, डब्बों आदि के लिए बुलडोजर की जरूरत पड़ी.
याचिकाकर्ताओं के मुस्लिमों को टारगेट करने के सवाल पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा, एमपी के खरगोन में मुस्लिमों से ज्यादा हिंदुओं के घर गिराए गए.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, जहां तक की जहांगीरपुरी की बात है, मैंने जानकारी ली है. हम जहांगीरपुरी से अतिक्रमण हटाना चाहते हैं, ताकि रोड साफ हों. यह अभियान जनवरी में शुरू किया गया था. इसके बाद जनवरी, फरवरी और मार्च में कार्रवाई की. 19 अप्रैल को अगली बार कार्रवाई होनी थी. वे अतिक्रमण और कचरा साफ कर रहे थे. यह सब तब हुआ, जब संगठनों ने इसमें दखल देना शुरू किया. कुछ इमारतें अवैध हैं और सड़क पर बनी हैं, उन्हें नोटिस दिया गया. 2021 में मार्केट एसोसिएशन की ओर याचिका दायर की थी, हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का आदेश भी दिया था.
कपिल सिब्बल ने कहा, अतिक्रमण को मुद्दा बनाया जा रहा है. हम चाहते हैं कि कार्रवाई पर रोक लगे. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम देशभर में तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक नहीं लगा सकते. सिब्बल ने कहा, मेरा मतलब है कि इस तरह से बुलडोजर के इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, तोड़फोड़ तो हमेशा बुलडोजर से ही होती है.
इस पर सिब्बल ने कहा, मेरा मतलब है कि इस तरह की कार्रवाई से पहले नोटिस जारी करना चाहिए कि आप अतिक्रमण हटा लें या हम हटाएंगे.
एमसीडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए दवे ने कहा, दिल्ली में 1731 अनधिकृत कॉलोनी है. लगभग 50 लाख लोग रहते हैं. लेकिन एक ही कॉलोनी को निशाना बनाया जा रहा है. आपने घरों को बर्बाद किया. आपने गरीबों को टारगेट किया. आपको साउथ दिल्ली या पॉश कॉलोनियों में कार्रवाई करनी चाहिए.
याचिका कर्ता के वकील ने एमसीडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा, उन्हें पता था कि हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं. ऐसे में जो कार्रवाई 2 बजे शुरू होनी थी, उसे 9 बजे शुरू कर दिया गया. यहां तक कि कोर्ट के आदेश के बाद भी तोड़फोड़ जारी रखी. उन्होंने सवाल उठाया कि कैसे बीजेपी अध्यक्ष के पत्र के बाद एमसीडी यह अभियान चला सकती है. एमसीडी को कार्रवाई करने से पहले नोटिस देना चाहिए था.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील दुष्यंत दवे ने दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. दवे ने कोर्ट से कहा, दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में कहा है कि बिना अनुमति के जुलूस निकाला गया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया. यह मुद्दा नहीं है. दवे ने इस परर कहा कि ये दोनों बातें आपस में जुड़ी हैं. दवे ने कहा, बिना अनुमति के जुलूस निकाले गए. इसके बाद दंगा हुआ. इसके बाद पुलिस ने एक विशेष समुदाय के लोगों को आरोपी बनाया. इसके बाद एमसीडी ने कार्रवाई की.
जहांगीरपुरी में एमसीडी की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है.
दरअसल, हाल ही में देश में तमाम जगहों पर दंगे हुए हैं. दंगों के बाद यूपी, एमपी और गुजरात में प्रशासन द्वारा हिंसा के आरोपियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने का मामला सामने आया है. ऐसे में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने याचिका दायर कर इन कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी. इतना ही नहीं जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बुधवार को जहांगीरपुरी में हो रही कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर भी याचिका दायर कर जल्द सुनवाई की मांग की थी.
एमसीडी ने रेहड़ी पटरी समेत तमाम अस्थाई दुकानों को बुधवार को तोड़ दिया था. इसमें गणेश गुप्ता की जूस की दुकान भी शामिल थी. अब गणेश गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और मुआवजा दिलाने की मांग की है. उन्होंने दावा किया है कि NDMC ने उन्हें वेंडर लाइसेंस जारी किया था. इसी के बाद वे दुकान चला रहे थे. लेकिन उन्हें बिना कोई नोटिस दिए हुए, उनकी दुकान को तोड़ दिया गया. इतना ही नहीं गणेश ने कोर्ट से मांग की है कि अवैध संपत्तियों की पहचान के लिए एमसीडी को एक नोडल अधिकारी तैनात करना चाहिए.
- दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल यानी हनुमान जयंती के दिन हिंसा फैली थी.
- इस मामले में क्राइम ब्रांच की 14 टीमें जांच में जुटी हैं. 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
- उधर, बीजेपी ने एमसीडी से मांग की थी कि हिंसा के आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया जाए. जैसा यूपी, एमपी और गुजरात में किया गया.
- बीजेपी की इस मांग के बाद एमसीडी ने आदेश जारी कर कहा कि वह जहांगीरपुरी में अतिक्रमण और अवैध निर्माण के खिलाफ 20 और 21 अप्रैल को अभियान चलाएगा. हालांकि, एमसीडी ने अपने आदेश में जहांगीरपुरी हिंसा का जिक्र नहीं किया. हालांकि, यह अभियान जहांगीरपुरी हिंसा वाली जगह पर ही होना है.
- एमसीडी ने बुधवार सुबह करीब 10 बजे अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान की शुरुआत की. हालांकि, थोड़ी देर बाद ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई रोकने का आदेश दे दिया.
- हालांकि, एमसीडी आदेश न मिलने का दावा करते हुए करीब 2 घंटे तक तोड़फोड़ अभियान चलाती रही.
- एमसीडी करीब दो घंटे तक जहांगीरपुरी में अभियान चलाती रही. हालांकि, बाद में एमसीडी ने कहा, हमें सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिल गया है. हमने कार्रवाई रोक दी है.