Advertisement

गुरुग्राम: सुप्रीम कोर्ट के जज एम. शांतनगौदर का निधन, फेफड़ों में था संक्रमण

फेफड़ों में इंफेक्शन के बाद ही जस्टिस मोहन एम. शांतनगौदर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया था. शनिवार देर रात उनका निधन हो गया. हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि उन्हें कोरोना था या नहीं.

 Justice Mohan M. Shantanagoudar (Photo- Wikipedia) Justice Mohan M. Shantanagoudar (Photo- Wikipedia)
aajtak.in
  • गुरुग्राम ,
  • 25 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 7:58 AM IST
  • जस्टिस शांतनगौदर का जन्म कर्नाटक में हुआ था
  • केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं शांतनगौदर
  • 2017 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे

फेफड़ों में संक्रमण के कारण सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस मोहन एम. शांतनगौदर का गुरुग्राम के मेदांता में निधन हो गया. शनिवार देर रात 62 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता में भर्ती कराया गया था.

एजेंसी के मुताबिक कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया है कि शनिवार रात तक उनकी तबियत स्थिर थी, लेकिन देर तक उनका निधन हो गया. हालांकि सोर्स ने ये कन्फर्म नहीं किया है कि एम. शांतनगौदर को कोविड था कि नहीं.

Advertisement

आपको बता दें कि 17 फरवरी. साल 2017 में ही एम. शांतनगौदर को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था. उनका जन्म 5 मई, 1958 को कर्नाटक में हुआ था. साल 1980 के सितंबर महीने में उन्होंने खुद को एक वकील के रूप में नामांकित करवाया. साल 2003 में उन्हें कर्नाटक हाई कोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्त किया गया. साल 2004 के सितंबर महीने में वे परमानेंट जज बन गए.

इसके बाद उनका ट्रांसफर केरल हाईकोर्ट में हो गया. जहां 1 अगस्त, 2016 में उन्होंने कार्यवाहक चीफ जस्टिस के रूप में पदभार संभाला. फिर 22 सितंबर 2016 के दिन वे केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बन गए. इसके बाद फरवरी, 2017 में वे सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत कर दिए गए.

आपको बता दें कि देश में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट में भी कोरोना के मामले सामने आए हैं. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के 3 जज कोरोना संक्रमित हुए हैं.  

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement