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सुप्रीम कोर्ट ने इन छह महानगरों में मैनुअल सीवर सफाई पर लगाई रोक, सरकारों को दिए निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने छह महानगरों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को 13 फरवरी तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है और 19 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई करने के लिए कहा है. ये आदेश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता वाली पीठ ने जारी किया.

सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो)
सृष्टि ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 5:52 AM IST

सर्वोच्च न्यायालय ने देश की राजधानी दिल्ली समेत छह महानगरों में सीवर की मैनुअल सफाई को पूरी तरह से बंद करने का आदेश दिया है. अदालत ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में हाथ से मैला ढोने और मैनुअल सीवर सफाई पर रोक लगा दिया है.

कोर्ट ने इन छह महानगरों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को 13 फरवरी तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है और 19 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई करने के लिए कहा है.  ये आदेश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता वाली पीठ ने जारी किया.

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सरकार ने जानकारी दी

दरअसल पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और अन्य संबंधित हितधारकों को निर्देश दिया था कि वे समन्वय स्थापित करें और यह जानकारी दें कि मैनुअल स्कैवेंजिंग और मैनुअल सीवर सफाई पर कहां और किस हद तक प्रतिबंध लगाया गया है. केंद्र सरकार द्वारा दायर एक हलफनामे के अनुसार देश के 775 जिलों में से 456 जिलों में न तो मैनुअल स्कैवेंजिंग की जाती है और न ही हाथ से मैला उठाया जाता है.

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कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को निर्देश दिया

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करने के बाद, अदालत ने यह साफ किया कि कम से कम महानगरों में इस तरह की सफाई व्यवस्था पूरी तरह समाप्त होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 10 अक्टूबर 2023 के आदेश का मुख्य उद्देश्य यही था. अक्टूबर 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को निर्देश दिया था कि वे यह सुनिश्चित करें कि देश में हाथ से मैला ढोने की प्रथा पूरी तरह समाप्त हो.

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अदालत ने स्पष्ट किया कि केंद्र और राज्य सरकारें इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकतीं और उन्हें मैनुअल सफाई को जड़ से खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे.

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