Advertisement

Tirupati Laddu Row: 'यह आस्था का सवाल, स्वतंत्र SIT करेगी जांच...', तिरुपति लड्डू मामले पर बोला SC

Tirupati Laddu: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तिरुपति बालाजी प्रसाद बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट के आरोपों की जांच राज्य सरकार की SIT नहीं करेगी. इसके लिए नई एसआईटी का गठन किया गया है.

Tirupati laddoo (File Photo) Tirupati laddoo (File Photo)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 12:16 PM IST

तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर बालाजी के मंदिर में भोग प्रसाद के लड्डूओं में कथित मिलावटी घी के प्रयोग से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हो रही है. इस दौरान कोर्ट ने जांच के लिए नई एसआईटी का गठन किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तिरुपति बालाजी प्रसाद बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट के आरोपों की जांच राज्य सरकार की SIT नहीं करेगी. इसके लिए नई एसआईटी का गठन किया गया है.

तिरुमला तिरुपति वेंकटेश्वर स्वामी बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसाद विवाद की जांच के लिए सुप्रीम ने आदेश जारी कर सीबीआई निदेशक की निगरानी में नई विशेष जांच समिति बनाई है.

Advertisement

अदालत को राजनीतिक लड़ाई का अखाड़ा नहीं बना सकते

कोर्ट ने कहा कि हम अदालत को राजनीतिक लड़ाई के अखाड़े में तब्दील होने की इजाजत नहीं दे सकते. नई SIT में CBI के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश सरकार के दो प्रतिनिधि और FSSAI का एक सदस्य शामिल है. SIT जांच की निगरानी CBI डायरेक्टर करेंगे. इसके साथ ही स्पष्ट हो गया है कि तिरुपति बालाजी का प्रसाद बनाने में प्रयोग होने वाले घी में मिलावट के आरोपों की जांच राज्य सरकार की SIT नहीं करेगी.

जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि SIT की क्षमता को लेकर उन्हें कोई संदेह नहीं है. हम चाहते हैं कि सेंट्रल पुलिस फोर्स के किसी सीनियर अधिकारी को जांच की निगरानी सौंप दी जाए. मैंने मुद्दे की जांच की. इसमें एक बात स्पष्ट है कि यदि इस आरोप में सच्चाई का कोई अंश है तो यह अस्वीकार्य है. देशभर में भक्त हैं. खाद्य सुरक्षा भी जरूरी है. मुझे एसआईटी के सदस्य जो जांच कर रहे है उन पर कोई आपत्ति नही है.

Advertisement

वहीं, इससे पहले आंध्र प्रदेश सरकार के वकील ने कहा कि अगर SIT में किसी अधिकारी को कोर्ट जोड़ना चाहता है तो हमे कोई दिक्कत नहीं है. याचिकाकर्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि कल फिर इसको लेकर बयान जारी किया गया. सिब्बल ने मांग की कि कोर्ट इस मामले की जांच का जिम्मा SIT के बजाए किसी स्वतंत्र जाँच एजेंसी को सौप दे.

इस पर कोर्ट ने कहा कि ये करोड़ों लोगों की आस्था का मामला है. हम नहीं चाहते कि ये सियासी ड्रामा बन जाए. कोर्ट ने सुझाव दिया कि पांच लोगों की SIT बनाई जा सकती है, जिसमें सीबीआई के दो अधिकारी और FSSAI का एक सदस्य शामिल हो. यानी इस मामले की जांच के लिए स्वतंत्र जांच एजेंसी हो, जिसमें सीबीआई के दो आधिकारी, राज्य सरकार के दो अधिकारी और एक अधिकारी FSSAI से होगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement