
दिवाली से ठीक पहले तेलंगाना हाईकोर्ट ने राज्य में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण रूप से बैन लगा दिया. अब इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसपर आज ही सुनवाई हुई.
SC ने तेलंगाना में NGT के आदेशों के अनुसार पटाखे बेचने और चलाने की अनुमति दी है. इस आदेश का सीधा मतलब यही है कि दिवाली के त्योहार पर 2 घंटे के लिए हरित पटाखे चलाए जा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अब नोटिस जारी कर 16 नवम्बर तक जवाब मांगा है.
अदालत ने कहा कि इस बीच लागू निर्णय संशोधित है और 9 नवंबर के एनजीटी के आदेश के अनुरूप है, जो तेलंगाना राज्य में भी लागू होता है.
तेलंगाना फायरवर्कर्स मैन्युफैक्चर्स की ओर से ये याचिका दायर की गई है, जिसमें हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. इसमें अपील की गई है कि हाईकोर्ट के आदेश से उन्हें काफी नुकसान हुआ है और अचानक काम रोकना पड़ा है. साथ ही कहा गया कि ये आदेश बिना उन्हें मामले में पार्टी बनाए दिया गया है.
आपको बता दें कि प्रदूषण की समस्या को देखते हुए दिल्ली, राजस्थान समेत कई राज्य सरकारों ने पहले ही पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. साथ ही कुछ राज्यों ने पटाखे जलाने का निश्चित वक्त तय किया है और ग्रीन पटाखे जलाने की अपील की है.
इससे पहले भी एनजीटी ने भी 30 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. साथ ही जिन राज्यों में प्रदूषण की समस्या है, वहां पर भी पटाखों पर बैन की बात कही थी.
इस बार प्रदूषण के साथ-साथ कोरोना काल भी है, ऐसे में लोगों से सतर्कता से त्योहार मनाने की अपील की जा रही है. सर्वोच्च अदालत ने भी बीते दिनों प्रदूषण की समस्या पर टिप्पणी की थी और दिल्ली सरकार को एक्शन लेने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि शहर में स्मॉग नहीं दिखना चाहिए.