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'महिला डॉक्टरों को नाइट शिफ्ट करने से नहीं रोक सकते, उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएं...', SC ने बंगाल सरकार को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी अस्पतालों में महिला डॉक्टरों की नाइट शिफ्ट खत्म करने की बंगाल सरकार की अधिसूचना को लेकर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा देना राज्य सरकार की ड्यूटी है.

कोलकाता में जूनियर डॉक्टर्स का प्रदर्शन कोलकाता में जूनियर डॉक्टर्स का प्रदर्शन
कनु सारदा
  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST

कोलकाता के RG Kar मेडिकल अस्पताल की ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कुर्सी हिलाकर रख दी है. इस मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में महिला डॉक्टरों की नाइट शिफ्ट खत्म करने की बंगाल सरकार की अधिसूचना को लेकर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा देना राज्य सरकार की ड्यूटी है.

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चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने बंगाल सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि आपको इस मुद्दे से निपटना होगा. सुरक्षा सुनिश्चित करना ही समाधान है. बंगाल सरकार को इस अधिसूचना में संशोधन करना चाहिए. सुरक्षा मुहैया कराना आपकी जिम्मेदारी है. आप महिलाओं को नाइट ड्यूटी करने से नहीं रोक सकते. पायलट और सेना के जवान रात के समय काम करते हैं.
कोर्ट ने कोलकाता रेप और मर्डर मामले की जांच की सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को डिस्टर्बिंग बताया. कोर्ट ने कहा कि सीबीाई को इस मामले में नई स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी होगी.

सुनवाई के दौरान जूनियर डॉक्टर्स ने शीर्ष अदालत को बताया कि उन्हें काम पर लौटने में कोई दिक्कत नहीं है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनकी मुलाकात में इस पर चर्चा हुई थी. 

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विकिपीडिया को तस्वीर हटाने का दिया आदेश

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया को आदेश दिया कि वह मृत ट्रेनी डॉक्टर का नाम और उसकी तस्वीर हटा दे. कोर्ट ने कहा कि रेप पीड़िता की पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी और कहा कि वह एक हफ्ते के बाद अगली सुनवाई करेगा.

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