
कुरान शरीफ से 26 आयतों को हटाने के लिए दाखिल जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 12 अप्रैल को सुनवाई करेगा. जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. पीठ में जस्टिस नरीमन के अलावा जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस हृषिकेश रॉय भी होंगे.
बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें कुरान पाक की 26 आयतों को क्षेपक यानी बाद में जोड़ी गई आयतें बताते हुए उनको पवित्र किताब से हटाने का आदेश देने की मांग की गई है. इन आयतों को देश की एकता, अखंडता और भाईचारे के लिए खतरा बताया गया है.
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की तरफ से यह याचिका दायर की गई है. उनका कहना है कि कुरान की 26 आयतें आतंक को बढ़ावा देने वाली हैं और उन्हें हटाया जाना चाहिए ताकि आतंकी गतिविधियों से मुस्लिम समुदाय का नाम न जुड़ सकें. याचिका दाखिल करने से पहले याचिकाकर्ता रिज़वी ने एहतियातन मूल सवाल और याचिका की प्रति देशभर के 56 रजिस्टर्ड इस्लामिक संगठनों और संस्थानों को भी अपना रुख साफ करने के लिए भेजा था.
रिजवी का कहना है कि जब पूरे कुरान पाक में अल्लाहताला ने भाईचारे, प्रेम, खुलूस, न्याय, समानता, क्षमा, सहिष्णुता की बातें कही हैं तो इन 26 आयतों में कत्ल व गारत, नफरत और कट्टरपन बढ़ाने वाली बातें कैसे कह सकते हैं. इन आयतों का इस्तेमाल कर मुस्लिम युवकों को बरगलाया जा रहा है. इन्हीं की वजह से देश की एकता और अखंडता पर खतरा है.
बता दें कि वसीम रिजवी अपनी इस याचिका को लेकर काफी विवादों में हैं. कई मुस्लिम संगठनों ने उनका विरोध किया है. खुद रिजवी के परिवार के लोग भी उनके खिलाफ हो गए हैं. रिजवी की मां और भाई ने उनसे अपना नाता तोड़ लिया है.