
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने कैद की सजा सुनाई है. उस पर 2 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना न चुकाने पर 2 महीने की सजा और काटनी होगी. हालांकि, विजय माल्या मार्च 2016 से ही लंदन में है और उसे भारत लाने की प्रक्रिया जारी है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने सोमवार को ये सजा सुनाई है. माल्या को कोर्ट की अवमानना के मामले में दोषी मानते हुए ये सजा सुनाई गई है. अवमानना का ये मामला 40 मिलियन डॉलर यानी लगभग 318 करोड़ रुपये से जुड़ा हुआ है. माल्या ने ये रकम अपने तीन बच्चों को भेजी थी. कोर्ट ने चार हफ्ते में ये रकम ब्याज समेत लौटाने का आदेश दिया है.
तो क्या अब उसके बच्चों को 40 मिलियन डॉलर चुकाने होंगे? ये जानने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा? उसे समझते हैं..
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने कोर्ट की अवमानना के मामले में विजय माल्या को दोषी मानते हुए चार महीने कैद और 2 हजार रुपये जुर्माना देने की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं देने पर 2 महीने की कैद की सजा और भुगतनी होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, माल्या ने जो किया, उसके लिए उसे पछतावा नहीं है और सुनवाई के दौरान भी पेश नहीं हुआ. कानून की महिमा बनाए रखने के लिए उसे सजा देना जरूरी है.
अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को 4 हफ्ते के अंदर 40 मिलियन डॉलर चुकाने को कहा है. ये रकम 8% ब्याज के साथ लौटानी है. कोर्ट ने कहा कि अगर माल्या ऐसा नहीं करते हैं, तो उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी.
तीन जजों की बेंच ने 10 मार्च को सजा पर आदेश सुरक्षित रख लिया था. इस पूरे मामले की सुनवाई माल्या की गैर मौजूदगी में हुई थी. केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी मिल गई है, लेकिन कुछ 'सीक्रेट' कार्यवाही अभी बाकी, इसलिए उसे अभी भारत नहीं लाया जा सकता.
क्या है ये पूरा मामला?
विजय माल्या पर 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी करने का आरोप है. मार्च 2016 से माल्या यूके में रह रहा है. उसे भारत लाने की प्रक्रिया जारी है.
2017 में बैंकों के कंसोर्शियम ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक याचिका दायर की थी, जिसमें माल्या के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के नेतृत्व वाले कंसोर्शियम ने आरोप लगाया था कि माल्या ने अपने तीन बच्चों के खातों में 40 मिलियन डॉलर ट्रांसफर किए थे, जो कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है.
मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को कोर्ट की अवमानना को दोषी मानते हुए कार्यवाही शुरू की. कोर्ट ने माल्या को कई बार सुनवाई के दौरान मौजूद रहने का आदेश दिया, लेकिन वो कार्यवाही में शामिल नहीं हुआ. इस साल 10 फरवरी को कोर्ट ने माल्या को दो हफ्ते के अंदर कोर्ट में पेश होने को कहा था, लेकिन वो तब भी नहीं आया.
दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट ने कर्ज की वसूली के लिए माल्या पर अपनी और अपनी किसी भी मालिकाना हक वाली संपत्ति को बेचने और उसको ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी थी. इसके बावजूद माल्या ने अपनी कुछ संपत्ति 75 मिलियन डॉलर में बेच दी और अपने तीन बच्चों के नाम पर एक ट्रस्ट बनाकर, ये रकम उसमें ट्रांसफर कर दी.
सुनवाई के दौरान माल्या ने दावा किया था कि ये संपत्ति उसकी नहीं है, हालांकि कोर्ट ने उसकी ये दलील खारिज कर दी थी.
कहां से कहां भेजी थी रकम?
बैंकों के कंसोर्शियम ने माल्या पर तथ्यों को छिपाने और कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था.
बैंकों का आरोप था कि माल्या को ब्रिटेन की एक ऑफशोर कंपनी डियाजियो से 40 मिलियन डॉलर मिले थे, जिसे उसने अपने तीन बच्चों को ट्रांसफर कर दिए थे.
याचिका के मुताबिक, माल्या ने अपने बेटे सिद्धार्थ माल्या और बेटियों लीना माल्या और तान्या माल्या को 13-13 मिलियन डॉलर की रकम ट्रांसफर की थी.
अब तीनों बच्चे चुकाएंगे रकम?
सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के तीनों बच्चों को 40 मिलियन डॉलर चार हफ्ते में बैंकों को चुकाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि सिद्धार्थ, लीना और तान्या सालाना 8% की ब्याज की दर से ये रकम चुकाएंगे.
कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर रकम नहीं चुकाई जाती है या कुछ कमी रह जाती है, तो वसूली के लिए कुछ भी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें संपत्ति कुर्की की कार्रवाई भी शामिल है.
(इनुपटः अनीषा माथुर)