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ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई, पेशे से वकील...अब सियासी मैदान में सुषमा स्वराज की बेटी, जानिए कौन हैं बांसुरी

Bansuri Swaraj: दिवंगत बीजेपी नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने सक्रिय राजनीति में कदम रख लिया है. भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें राज्य के कानूनी प्रकोष्ठ का सह-संयोजक नियुक्त किया गया है. बांसुरी एक क्रिमिनल लॉयर भी हैं.

बांसुरी और सुषमा स्वराज बांसुरी और सुषमा स्वराज
राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 27 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:03 AM IST

भाजपा की दिग्गज नेता रही पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने सक्रिय राजनीति में एंट्री कर ली है. भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बांसुरी को प्रदेश बीजेपी में लीगल सेल का सह-संयोजक (Co-Convenor) नियुक्त किया है. बांसुरी बीजेपी से जुड़ी रही हैं लेकिन संगठन में पहली बार उन्हें नियुक्ति दी गई है. बांसुरी ने अपनी नियुक्ति के लिए पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभार जताया.

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कौन है बांसुरी
बांसुरी स्वराज 2007 में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में नामांकित हुईं. 16 साल से वह कानूनी पेशे में हैं और क्रिमिनल लॉयर हैं.  वारविक विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में बी.ए. (ऑनर्स) करने के बाद उन्होंने लंदन के प्रतिष्ठित बीपीपी लॉ स्कूल में कानून की पढ़ाई की. बाद में उन्होंने कानून में बैरिस्टर के रूप में अर्हता प्राप्त की. इसके बाद, उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सेंट कैथरीन कॉलेज से मास्टर ऑफ स्टडीज पूरी की.

चर्चित मामलों की कर चुकी हैं पैरवी
स्वराज कोर्ट में मजबूती से अपने मुवक्किल का पक्ष रखने वाली वकील मानी जाती हैं, जिन्होंने विभिन्न अदालतों में विवादास्पद मुकदमों में कई हाई प्रोफ़ाइल लोगों की तरफ से मुकदमा लड़ा है. वह उस समय भी सुर्खियों में आई थी जब वह पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी की टीम में शामिल हुई थीं. तब बीजेपी ने बांसुरी का बचाव करते हुए कहा था कि सुषमा स्वराज की बेटी का अपना प्रोफेशन है और वह अपने काम के लिए आजाद हैं.

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इसके अलावा बांसुरी अनुबंध, रियल एस्टेट, टैक्स, अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता के मामलों के साथ-साथ कई आपराधिक मामलों से जुड़े विवादों को निपटाने वाले कोर्ट केस का अदालत में प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. निजी प्रैक्टिस करने वाली बांसुरी हरियाणा की अतिरिक्त महाधिवक्ता (Additional Advocate General) रह चुकी हैं.

स्वराज कौशल भी रह चुके हैं वकील 
सुषमा स्वराज और उनके पति स्वराज कौशल की शादी 1975 में हुई. कौशल भारत में एक क्राइम वकील हैं. वह 34 वर्ष की आयु में भारत के सबसे युवा एडवोकेट जनरल थे और 1990 से 1993 तक मिजोरम के गवर्नर थे. आज वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, और 1998 से 2004 तक संसद सदस्य रहे.  सुषमा स्वराज के परिवार में एक भाई, एक बहन, एक बेटी हैं.

सुषमा के नाम थे कई कीर्तिमान

 सुषमा स्वराज ने अगस्त 2019 में 67 साल की उम्र में दिल्ली स्थित AIIMS में आखिरी सांस लीं थी. सुषमा स्वराज के नाम कई कीर्तिमान थे. 1977 में जब वह 25 साल की थीं, तब वह भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं. वह 1977 से 1979 तक सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे 8 मंत्रालय मिले थे. जिसके बाद 27 साल की उम्र में 1979 में वह हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनी थीं. 

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इंदिरा गांधी के बाद सुषमा स्वराज दूसरी ऐसी महिला थीं, जिन्होंने विदेश मंत्री का पद संभाला था. चार दशकों में वे 11 चुनाव लड़ीं, जिसमें तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ीं और जीतीं. सुषमा सात बार सांसद रहीं.

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