
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर रामराज को लेकर टिप्पणी की है. उन्होंने हाल के आरक्षण मुद्दे को लेकर तंज कसा और इसी के केंद्र में ऐसी टिप्पणी कर दी, जिसे धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने वाला कहा जा रहा है. असल में समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामराज को लेकर विवादित ट्वीट किया है. रामराज को आरक्षण से जोड़ते हुए उन्होंने लिखा कि 'रामराज्य धोखा है. पहले भी रामराज के नाम पर कभी शम्बूक का सिर काटा गया तो कभी एकलव्य का अंगूठा और अब दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों का आरक्षण काटा जा रहा है, यानी संविधान प्रदत्त आरक्षण खत्म किया जा रहा है. जागो सावधान हो जाओ, रामराज हटाओ-आरक्षण बचाओ. '
इस वैकेंसी को लेकर किया ट्वीट
असल में स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये ट्वीट UPSSSC ग्राम पंचायत अधिकारी की भर्ती परीक्षा को लेकर किया है. यूपी में ग्राम पंचायत अधिकारी की भर्ती को लेकर अधिसूचना निकाली गई है. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी UPSSSC, लखनऊ ने ग्राम पंचायत अधिकारी के लगभग 1400 से ज्यादा पदों पर वैकेंसी को लेकर अधिसूचना जारी की है. यह अधिसूचना प्रदेश सरकार के पंचायती राज विभाग के तहत निकाली गई. 16 मई 2023 को आयोग ने जो भर्ती अधिसूचना सं. 01-परीक्षा/2023 जारी की उसके अनुसार ग्राम पंचायत अधिकारी के कुल भर्ती पदों की संख्या 1468 है.
इन रिक्तियों में 849 अनारक्षित किए गए हैं, वहीं 356 अनुसूचित जाति और 7 अनुसूचित जनजाति के साथ ही 138 अन्य पिछले वर्गों के लिए आरक्षित है. इसके अलावा 117 आर्थिक रूप से कमजोर यानी ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण तय किया गया है. सभी पद स्थायी आधार पर भरे जाने हैं.
रामचरित मानस पर टिप्पणी से सुर्खियों में मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य हाल के कई दिनों से मानस को लेकर टिप्पणी करने से सुर्खियों में रहे हैं. इससे पहले उन्होंने इसी साल मार्च में कहा था कि, लोग अब रामचरित मानस पाठ करना बंद कर चुके हैं. उन्होंने, अपना एक वीडियो क्लिप ट्वीट किया, जिसमें वह कह रहे हैं कि 'अब पूरे देश में लोगों ने अपने आप रामचरितमानस का पाठ कराना बंद कर दिया, इसलिए सरकार अपने खर्चे से मानस की पाठ कराने पर मजबूर हो रही है. जो ऐसा कर रहे हैं वे देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को अपमानित करने की साजिश की जा रही है.'
बीजेपी के निशाने पर सपा नेता
स्वामी प्रसाद ने इससे पहले रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि इन चौपाइयों में आपत्तिजनक अंश हैं, जिसमें महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को सामाजिक, धार्मिक स्तर पर अपमानित होना पड़ता है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस बयान के बाद वह बीजेपी के निशाने पर आ गए थे. इतना ही नहीं लखनऊ के हजरतगंज थाने में उनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का केस भी दर्ज करा दिया गया था.