
आयुर्वेद बनाम एलोपैथ विवाद को लेकर योग गुरु स्वामी रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) आमने-सामने है. आईएमए उत्तराखंड ने बाबा रामदेव को एक हजार करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस भेज दिया है. इस विवाद पर पहली बार उत्तराखंड सरकार के मंत्री का बयान सामने आया है. उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बयान देते हुए कहा है कि बाबा रामदेव को ऐसी परिस्थितियों में आरोप-प्रत्यारोप लगाने से बचना चाहिए.
सुबोध उनियाल ने बाबा रामदेव को ऐसे विवादों में न पड़ने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि इस समय की परिस्थितियों के अनुसार किसी भी समझदार को आरोप-प्रत्यारोप से बचना चाहिए, ताकि किसी के मनोबल पर विपरीत असर न पड़े. उन्होंने कहा कि रामदेव भी अपना काम कर रहे हैं और हमारे डॉक्टर भी अपना काम कर रहे हैं. ऐसे में रामदेव को ऐसे विवादों में नहीं पड़ना चाहिए.
आईएमए के नोटिस पर सुबोध उनियाल ने बताया कि भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था है और इसमें कानून अपने हिसाब से कार्रवाई करेगा.
बाबा रामदेव ने एलोपैथी का मजाक उड़ाया था. इसके बाद से ही उनके और आईएमए के बीच तनातनी जारी है. विवाद के बीच आईएमए उत्तराखंड ने बाबा रामदेव को एक हजार करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस भी जारी कर दिया है. आईएमए का कहना है कि बाबा रामदेव एलोपैथी का 'ए' भी नहीं जानते. नोटिस में कहा गया है कि अगर 15 दिन के भीतर बाबा रामदेव माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ एक हजार करोड़ रुपए का मानहानि का दावा किया जाएगा.
उधर, बाबा रामेदव भी झुकने को तैयार नहीं है. एक जूम मीटिंग के दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि ऐसे मुकदमों की धमकियां आती रही हैं और इससे उनको डर नहीं लगता. उन्होंने कहा कि वो डॉक्टर्स का सम्मान करते हैं और अपने दिए हुए बयान के लिये खेद भी जता चुके हैं.