Advertisement

'ऐसा करते हैं दोनों CM प्रधानमंत्री के पास चलते हैं', SYL नहर विवाद पर बोले भगवंत मान

हरियाणा और पंजाब के बीच एसवाईएल का विवाद 1981 से बना हुआ है. मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो हरियाणा के पक्ष में फैसला आया. इस फैसले को 4 महीने में लागू करने के लिए अदालत ने दोनों राज्यों को एक मौका दिया था. कोर्ट के आदेश के तहत दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मीटिंग होने के बाद इसका 15 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करना है.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान
ललित शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST

सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों की अहम बैठक हुई. मीटिंग में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपना-अपना पक्ष रखा.

खट्टर ने बैठक के बाद कहा, 'आज की बैठक में कोई सहमति नहीं बनी है. सुप्रीम कोर्ट ने हमें नहर बनाने के लिए कहा था. हमने अपना पक्ष रखा लेकिन पंजाब इस पर सहमत नहीं हुआ. हम अब इस मीटिंग की जानकारी सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत को देंगे.'

Advertisement

'ऐसा करते हैं दोनों प्रधानमंत्री के पास चलते हैं'

इधर, भगवंत मान ने बताया, 'एसवाईएल के मुद्दे पर हरियाणा के साथ मीटिंग थी, जिसमें काफी लंबी चर्चा हुई. हमने काफी होमवर्क भी किया था और मैं आपने सारे अधिकारियों के साथ गया था. मैंने बहुत स्ट्रॉन्ग तरीके से पंजाब का पक्ष रखा जो पहले नहीं रखा गया था.' हरियाणा ने कहा कि एसवाईएल का निर्माण किया जाए. तो हमने कहा कि हमारे पास पानी है ही नहीं. ऐसा करते हैं दोनों मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री मोदी के पास चलते हैं, वो ही हल निकालेंगे कि हरियाणा को पानी कैसे देना है.'

1981 से बना हुआ है एसवाईएल का विवाद 

गौरतलब है कि दोनों प्रदेशों के बीच एसवाईएल का विवाद 1981 से बना हुआ है. मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो हरियाणा के पक्ष में फैसला आया. इस फैसले को 4 महीने में लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को  एक मौका दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मीटिंग होने के बाद इसका निष्कर्ष 15 अक्टूबर तक जवाब में दाखिल करना है.

Advertisement

इस मीटिंग में केंद्र सरकार के किसी भी प्रतिनिधि को शामिल न करने का आदेश है. दरअसल, एसवाईएल के पानी को लेकर पंजाब पानी देने को तैयार नहीं है जबकि हरियाणा पानी से कम कुछ स्वीकार ने को तैयार नहीं है.  खट्टर पहले ही साफ कर चुके हैं कि एसवाईएल का पानी हरियाणावियों का हक है और उन्हें यह जरूर मिलेगा.

SYL को लेकर पहले भी हुईं कई बैठकें

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और हरियाणा के सीएम मनोहरलाल भी मुलाकात कर चुके हैं. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र शेखावत भी इस मुद्दे को मॉनिटर कर चुके हैं लेकिन तमाम मीटिंगों और आदेशों के बावजूद इस मामले का हल अभी तक नहीं निकल पाया है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement