
मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित होने से जांच एजेंसियों को इस कायरतापूर्ण हमले के पीछे पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने में मदद मिलेगी, जिसमें 166 लोग मारे गए थे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 13 फरवरी को पीएम मोदी के साथ व्हाइट हाउस में बैठक के बाद घोषणा की थी कि उनके प्रशासन ने भारत में न्याय का सामना करने के लिए 'दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक' तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है.
पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा वर्तमान में लॉस एंजिल्स के एक मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है. वह पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा हुआ माना जाता है, जो 26/11 हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा है कि भारत राणा के अमेरिका से प्रत्यर्पण की व्यवस्था पर काम कर रहा है. सूत्रों ने कहा कि राणा के भारत आने से जांच एजेंसियों को 26/11 आतंकवादी हमले के पीछे पाकिस्तानी साजिशकर्ताओं की भूमिका को उजागर करने में मदद मिलेगी और जांच में एन खुलासे हो सकते हैं.
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मुंबई 60 घंटे तक दहशत के साये में थी
बता दें कि 26 नवंबर, 2008 को, 10 पाकिस्तानी आतंकवादी अरब सागर के रास्ते भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में घुसे थे और सीएसटी रेलवे स्टेशन, लियोपोल्ड कैफे, दो लक्जरी होटलों (ओबेरॉय ट्राइडेंट और ताज) और एक यहूदी केंद्र पर समन्वित हमले को अंजाम दिया था. मारे गए 166 लोगों में अमेरिकी, ब्रिटिश और इजरायली नागरिक शामिल थे. लगभग 60 घंटे तक चले इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और यहां तक कि भारत और पाकिस्तान युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे.
आतंकवादियों ने मुंबई में कई प्रतिष्ठित स्थानों को निशाना बनाया था, जिनमें ताज और ओबेरॉय होटल, लियोपोल्ड कैफे, चबाड हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन शामिल थे. डेविड कोलमैन हेडली ने इनमें से प्रत्येक स्थान की पहले से ही रेकी की थी और पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को इसकी जानकारी भेजी थी. 21 नवंबर, 2012 को 10 पाकिस्तानी आतंकियों में से एकमात्र जीवित अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवडा जेल में फांसी दे दी गई.
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राणा 2009 में शिकागो से हुआ था अरेस्ट
अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने मुंबई और कोपेनहेगन में आतंकवादी हमलों के लिए लॉजिस्टिक्स मुहैया कराने के आरोप में तहव्वुर राणा को अक्टूबर 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया था. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हरकत-उल जिहादी इस्लामी (HUJI), हेडली के साथ जुड़ाव और मुंबई हमलों में उसकी सक्रिय भागीदारी के कारण भारत कई वर्षों से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है.
आरोप है कि तहव्वुर राणा को डेविड कोलमैन हेडली के आतंकी संबंधों के बारे में पता था और उसने मुंबई में टारगेट की रेकी करने, नई दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज (NDC) और मुंबई में चबाड हाउस पर हमलों की योजना बनाने में भी मदद की थी. राणा के प्रत्यर्पण को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में मंजूरी दे दी थी. वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल है. यही केंद्रीय एजेंसी 26/11 हमले मामले की जांच कर रही है.
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लश्कर, हूजी और ISI ने रची थी साजिश
एनआईए की जांच के दौरान लश्कर और हूजी के आतंकियों की आईएसआई के अधिकारियों से सक्रिय मिलीभगत और उनकी सहायता से 26/11 हमले को अंजाम देने में भूमिका सामने आई है. 26/11 हमले की साजिश रचने वाले पाकिस्तानी आतंकियों में हाफिज मुहम्मद सईद उर्फ तय्याजी, जकी-उर-रहमान लखवी, साजिद माजिद उर्फ वासी, इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान हाशिम सैयद उर्फ मेजर अब्दुर्रहमान उर्फ पाशा के नाम सामने आए हैं. आईएसआई के अधिकारियों मेजर इकबाल उर्फ मेजर अली, मेजर समीर अली उर्फ मेजर समीर ने इस काम में उनकी मदद की.