Advertisement

खाद्य संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान को भारत ने पहुंचाई गेहूं की पहली खेप, तालिबान सरकार ने कहा शुक्रिया!

पिछले साल भारत ने खाने के संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान की मदद के लिए, मानवीय आधार पर 50 हजार टन गेहूं देने का वादा किया था. गेहूं की पहली खेप के पहुंचने पर अफगानिस्तान की सरकार ने भारत को शुक्रिया कहा है.

गेहूं के 50 ट्रक अफगानिस्तान के लिए रवाना किए गए थे गेहूं के 50 ट्रक अफगानिस्तान के लिए रवाना किए गए थे
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:16 PM IST
  • पहली खेप में 2,500 टन गेहूं अफगानिस्तान पहुंच चुका है
  • 50 ट्रक पाकिस्तान से होते हुए अफगानिस्तान के लिए रवाना किए गए थे

अफगानिस्तान इस वक्त खाद्दान्न संकट से जूझ रहा है. अफगानिस्तान की मदद के लिए भारत ने उसे मानवीय आधार पर 50 हज़ार टन गेहूं भेजने का ऐलान किया था. जिसमें से 2,500 टन गेहूं अफगानिस्तान पहुंच चुका है. अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार ने भारत की इस मदद का स्वागत किया है.

भारत ने 7 अक्टूबर को 50 हजार टन गेहूं, दवाइयां और मेडिकल इक्विपमेंट्स, अफगानिस्तान को मानवीय मदद के तौर पर भेजने का ऐलान किया था. गेहूं की पहली खेप, जिसमें 2,500 टन गेहूं है वह अमृतसर से ट्रक द्वारा अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत पहुंच गया है. 

Advertisement

मदद के लिए आने वाले यह ट्रक पाकिस्तान से होते हुए अफगानिस्तान पहुंचे हैं, इसलिए तालिबानी सरकार ने पाकिस्तान का भी शुक्रिया अदा किया है. 

आपको बता दें कि बुधवार को आईसीपी अटारी से 50 ट्रक पाकिस्तान से होते हुए अफगानिस्तान के लिए रवाना किए गए थे. भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इन ट्रकों को अटारी वाघा बॉर्डर से रवाना किया था. इस मौके पर अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई भी मौजूद थे. गेहूं की ये मदद कई खेपों में अफगानिस्तान के जलालाबाद में संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) को भेजी जाएगी.

आपको बता दें, जब से अफगानिस्तान में तालिबन ने कब्जा किया है, तब से वहां की स्थिति बेहद खराब हो गई है. वहां के लोग भूख और खाद्य संकट से जूझ रहे हैं. 

अफगानिस्तान के ज़्यादातर लोग गरीबी रेखा के नीचे ज़िंदगी बसर कर रहे हैं. ऐसे में भारत द्वारा दी गई ये मानवीय मदद अफगानिस्तान के लिए उम्मीद जगाती है. इससे पहले भी भारत अफगानिस्तान को कोवेक्सीन की 500,000 खुराक, 13 टन जीवन रक्षक दवाएं और सर्दियों के कपड़ों की 500  यूनिट भेज चुका है. ये सभी कंसाइनमेंट विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और काबुल के इंदिरा गांधी हॉस्पिटल को सौंप दिए गए थे.   

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement