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Tamil Nadu Language Controversy Hindi: रेलवे स्टेशन पर हिंदी में लिखे नाम पर कालिख पोती, रेलवे ने दर्ज की FIR

तमिलनाडु में भाषा विवाद गहराने के बीच, कार्यकर्ताओं ने पोल्लाची और पलायनकोट्टई रेलवे स्टेशनों पर हिंदी में लिखे नेमबोर्ड को काले रंग से रंग दिया.

एक वायरल वीडियो में तमिल समर्थक कार्यकर्ता नेमबोर्ड को काला करते नजर आ रहे हैं एक वायरल वीडियो में तमिल समर्थक कार्यकर्ता नेमबोर्ड को काला करते नजर आ रहे हैं
aajtak.in
  • पोल्लाची (तमिलनाडु),
  • 24 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:30 AM IST

तमिलनाडु में भाषा विवाद के बीच जहां सत्तारूढ़ डीएमके केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोप लगा रही है, वहीं तमिल समर्थक कार्यकर्ताओं ने रविवार को राज्य के दो रेलवे स्टेशनों पर नेमबोर्ड पर हिंदी में लिखे शब्दों को काला कर दिया. एक वायरल वीडियो में कार्यकर्ता 'पोल्लाची जंक्शन' के हिंदी में लिखे नाम को काला करते नजर आए. हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने तुरंत इसे ठीक कर दिया.

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रेलवे ने की कार्रवाई
पालघाट डिवीजन के दक्षिण रेलवे ने सोशल मीडिया पर बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है और उन्हें कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा.

बता दें कि तिरुनेलवेली जिले के पलायनकोट्टई रेलवे स्टेशन पर डीएमके कार्यकर्ताओं ने नेमबोर्ड पर लिखी हिंदी को काला कर दिया. इस मामले में आरपीएफ ने डीएमके के छह कार्यकर्ताओं के खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.

डीएमके और बीजेपी आमने- सामने
तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके लंबे समय से केंद्र सरकार और बीजेपी पर हिंदी थोपने का आरोप लगा रही है. खासकर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को लेकर डीएमके और बीजेपी के बीच तीखी बहस होती रही है. हालांकि, केंद्र सरकार इन आरोपों को खारिज कर चुकी है.

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'भाषाओं के बीच कोई दुश्मनी नहीं', PM मोदी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत तीन-भाषा नीति को लेकर केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच चल रही खींचतान के बीच, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि भारत की भाषाएं हमेशा बिना किसी दुश्मनी के एक-दूसरे को प्रभावित और समृद्ध करती रही हैं.

नई दिल्ली में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'भारतीय भाषाओं के बीच कभी कोई दुश्मनी नहीं रही है. भाषाओं ने हमेशा एक-दूसरे को प्रभावित और समृद्ध किया है. अक्सर, जब भाषाओं के आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश की गई, तो भारत की साझा भाषाई विरासत ने इसका माकूल जवाब दिया.' इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने लोगों से ऐसी 'गलत धारणाओं' से खुद को दूर रखने और सभी भाषाओं को समृद्ध बनाने के लिए कहा. 

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा, 'यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है कि हम इन गलत धारणाओं से खुद को दूर रखें और सभी भाषाओं को अपनाएं और समृद्ध करें.'

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