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तमिलनाडु: बिरयानी फेस्टिवल को प्रशासन ने नहीं दी इजाज़त, जानें खटाई में क्यों पड़ा आइडिया

बिरयानी फेस्टिवल में 20 अलग-अलग तरह के बिरयानी व्यंजन दिखाए जाने का आइडिया था. हालांकि यह विवादास्पद हो गया क्योंकि बीफ बिरयानी की इजाज़त नहीं थी.

बिरयानी फेस्ट का पोस्टर बिरयानी फेस्ट का पोस्टर
प्रमोद माधव
  • चेन्नई,
  • 12 मई 2022,
  • अपडेटेड 7:14 AM IST
  • तमिलनाडु में बिरयानी फेस्ट रद्द
  • बीफ बैन की वजह से रद्द हुआ उत्सव

तमिलनाडु के थिरुपथुर जिला में आयोजित होने वाला बिरयानी फेस्टिवल रद्द हो गया है. जिला प्रशासन ने अंबुर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 13 से 15 जून तक बिरयानी फेस्टिवल आयोजित करने का निर्णय लिया था. इस बीच बीफ बिरयानी पर बैन लगने से बिरयानी फेस्ट का आइडिया मुश्किल में पड़ गया है. 

बिरयानी फेस्टिवल में 20 अलग-अलग तरह के बिरयानी व्यंजन दिखाए जाने का आइडिया था. हालांकि यह विवादास्पद हो गया क्योंकि बीफ बिरयानी की इजाज़त नहीं थी. इस बारे में अधिकारियों ने मौखिक रूप से बताया कि बीफ बिरयानी की अनुमति नहीं देने का फैसला लिया गया है क्योंकि इससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है, जो भीड़ को प्रभावित कर सकते हैं. 

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कलेक्टर से दोबारा विचार करने की अपील

बिरयानी फेस्टिवल का आयोजन करने वाले मुस्लिम संगठनों और विदुथलाई चिरुथैगल काची के प्रतिनिधियों ने इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए जिला अधिकारियों से संपर्क किया है. वीसीके नेता थोल थिरुमावलवन ने इस आदेश पर सवाल उठाया और कलेक्टर द्वारा की गई इस घोषणा की निंदा की. उन्होंने कहा कि कलेक्टर अपना स्टैंड वापस लेना चाहिए. बीफ को भी अनुमति दी जानी चाहिए वरना हमें ऐसा लगता है कि वह RSS से प्रभावित हैं. 

SC/ST आयोग ने दिया दखल

इस मामले में राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी दखल दिया है. आयोग ने जिला कलेक्टर पत्र लिखकर कहा कि हमने इस मामले को जांच के लिए इसलिए चुना है क्योंकि इसमें अस्पृश्यता की प्रथा और मुस्लिम आबादी के खिलाफ भेदभाव दिखाई दे रहा है. अंबुर में इनकी आबादी दो लाख से ज्यादा है. हालांकि इस दौरान इलाके में 13 और 14 अप्रैल को भारी बारिश का पूर्वानुमान है. इसकी वजह से बिरयानी फेस्टिवल को स्थगित करने का फैसला लिया गया है.

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