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तमिलनाडु में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने केमफ्री वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पूर्व एमडी एस. शक्तिवेल समेत तीन लोगों को दोषी ठहराते हुए जुर्माने के साथ तीन साल की कठोर सजा सुनाई है.
कोयंबटूर की सीबीआई कोर्ट ने केमफ्री वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पूर्व एमडी एस. शक्तिवेल, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सीनियर मैनेजर एम. वेलाइचामी और सी बोम्मैया को बैंक से फ्रॉड का दोषी ठहराया है. सीबीआई के स्पेशल जज ने डेढ़ लाख रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल की कठोर सजा सुनाई है.
सीबीआई ने 2011 में दर्ज किया था केस
सीबीआई ने 21 फरवरी 2011 को इन आरोपों के आधार पर केस दर्ज किया था. आरोप था कि चेन्नई की केमफ्री वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रबंध निदेशक एस. शक्तिवेल, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सीनियर मैनेजर एम वेलाइचामी और सी बोम्मैया ने जाली दस्तावेजों के जरिए करीब एक करोड़ 41 लाख 45 हजार रुपये का लोन लिया और बैंक के साथ ठगी की.
एक करोड़ 41 लाख का बैंक लोन फ्रॉड
आरोपियों ने धोखे से राशि निकाल ली और इस राशि को कभी नहीं चुकाया. उस समय कोयंबटूर की सेंट्रल बैंक इंडिया के सीनियर मैनेजर एम. वेलाइचामी ने अपने पद का दुरुपयोग किया और आरोपी को लाभ पहुंचाया, जिससे बैंक को नुकसान हुआ. आरोपी के ऊपर बैंक की कुल बकाया राशि एक करोड़ 41 लाख 44 हजार 861 रुपये थी. बैंक लोन फ्रॉड की जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई. कोर्ट ने इस मामले में तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया था और अब सजा का ऐलान भी कर दिया है.