Advertisement

तमिलनाडु में फिर दिखाई दिया हिंदी का विरोध, बुजुर्ग ने पेट्रोल डालकर किया आत्मदाह

तमिलनाडु में डीएमके के एक बुजुर्ग कार्यकर्ता ने हिंदी के विरोध में आत्मदाह कर लिया. उनकी चिंता थी कि राज्य में हिंदी माध्यम के जरिए शिक्षा दी जाएगी, जिससे बच्चों को बहुत दिक्कत होगी. इसलिए उन्होंने डीएमके कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते हुए आत्मदाह कर लिया.

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

दक्षिण भारत में एक बार हिंदी भाषा के विरोध में सुर दिखाई दे रहे हैं. तमिलनाडु के सलेम जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां एक 85 वर्षीय किसान ने हिंदी भाषा का विरोध करते हुए आत्मदाह कर लिया. 

प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी डीएमके के एक पूर्व कृषि संघ के आयोजक थंगावेल (85) ने आज सुबह मेट्टूर के बगल में थलाइयुर में डीएमके पार्टी कार्यालय के सामने हिंदी थोपने का विरोध किया. 

Advertisement

पेट्रोल छिड़ककर लगा ली आग

आज सुबह करीब 11 बजे उन्होंने पहले अपने शरीर पर पेट्रोल डाला और फिर खुद को आग लगाकर सुसाइड कर लिया. 85 वर्षीय थंगावेल सीएम स्टालिन की पार्टी डीएमके के सक्रिय सदस्य थे और हिंदी के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे. 

केंद्र सरकार की योजना से थे परेशान

थंगावेल हिंदी के माध्यम से शिक्षा और हिंदी की पढ़ाई को लेकर केंद्र सरकार के कथित कदम से परेशान थे. आत्मदाह से पहले थंगावेल ने एक बैनर में लिखा, "मोदी सरकार, केंद्र सरकार, हमें हिंदी नहीं चाहिए, हमारी मातृभाषा तमिल है, हिंदी विदूषकों की भाषा है. हिंदी भाषा थोपने से छात्रों के जीवन पर असर पड़ेगा, हिंदी से छुटकारा मिलेगा." हिंदी से छुटकारा, हिंदी से छुटकारा." खुद को आग में झोंकने के तुरंत बाद थंगावेल की मौके पर ही मौत हो गई.  

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement