
तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से पहले डीएमके सरकार ने बजट 2025-26 से रुपये के राष्ट्रीय चिह्न को हटा दिया है. इसके बजाय तमिलनाडु सरकार ने अपने बजट में '₹' को 'ரூ' सिंबल से रिप्लेस कर दिया है. तमिल भाषा में 'ரூ' इस तमिल वर्ण का मतलब रु होता है. हालांकि भाषा की राजनीति करते हुए '₹' को बजट से हटाने वाली तमिलनाडु सरकार ने ये ध्यान देना जरूरी नहीं समझा कि रुपये के इस सिंबल को एक तमिल ने ही डिजाइन किया था. खास बात यह है कि इस सिंबल को डिजाइन करने वाले उदय कुमार धर्मलिंगम के पिता भी DMK के नेता थे.
उदयकुमार धर्मलिंगम (Udayakumar Dharmalingam) एक भारतीय शिक्षाविद् और डिज़ाइनर हैं, जिन्होंने भारतीय रुपये के प्रतीक चिह्न (₹) को डिज़ाइन किया था. उनका जन्म 10 अक्टूबर 1978 को तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में हुआ था वे चेन्नई, तमिलनाडु के निवासी हैं और आईआईटी गुवाहाटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं.
उदयकुमार धर्मलिंगम के पिता एन धर्मलिंगम डीएमके के विधायक रह चुके हैं. उदयकुमार धर्मलिंगम देश के नामी डिजाइनर हैं. जब उदय ने ये प्रतियोगिता जीती थी तो एन धर्मलिंगम ने कहा था कि ये उनके लिए बेहद गर्व का क्षण है. मेरे बेटे ने तमिलनाडु के लिए गौरव लाया है.
उदयकुमार धर्मलिंगम ने रुपये के प्रतीक ₹ का डिजाइन देवनागरी के 'र' और रोमन अक्षर 'R' को मिलाकर बनाया, जो भारतीय तिरंगे से प्रेरित है और इसे अन्य मुद्राओं से अलग दिखाने के लिए डिज़ाइन किया गया था.
इस डिजाइन को 15 जुलाई 2010 को भारत सरकार द्वारा जनता के सामने प्रस्तुत किया गया. यह प्रतीक एक खुली प्रतियोगिता के माध्यम से चुना गया था, इसके लिए वित्त मंत्रालय ने प्रतियोगिता आयोजित की थी. इसके लिए 3,331 आवेदन आए थे.जिसमें उदयकुमार का डिज़ाइन पांच फाइनलिस्ट डिज़ाइनों में से विजेता रहा. उन्होंने बताया था कि यह डिज़ाइन भारतीय तिरंगे से प्रेरित है और इसमें देवनागरी लिपि के 'र' और रोमन लिपि के 'R' को मिलाकर बनाया गया है, साथ ही एक क्षैतिज रेखा भी शामिल है जो समानता और राष्ट्रध्वज को दर्शाती है.
उदयकुमार का यह योगदान भारतीय मुद्रा को वैश्विक स्तर पर एक विशिष्ट पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण रहा.
तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलाई ने कहा कि 2025-26 के लिए डीएमके सरकार के बजट में रुपये के चिह्न बदल दिया गया है. इस डिजाइन को एक तमिल ने डिजाइन किया गया था.जिसे पूरे भारत ने अपनाया और हमारी मुद्रा में शामिल किया. इस प्रतीक को डिजाइन करने वाले थिरु उदयकुमार, डीएमके के एक पूर्व विधायक के बेटे हैं. आप कितने मूर्ख हो सकते हैं, थिरु स्टालिन."
बीजेपी नेता तमिलिसाई ने कहा कि रुपये का चिह्न बदलने वाले स्टालिन साहब को सबसे पहले अपना नाम बदलकर स्टालिन में करना चाहिए.