Advertisement

जंग में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल ने कमजोर देश को ताकतवर विरोधी को चुनौती देना सिखाया, बोले नेवी चीफ दिनेश त्रिपाठी

एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि जंग के दौर में सप्लाई चैन पर असर पड़ता है और ऐसे में हमें आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना होगा. नेवी चीफ ने कहा कि जंग के समय अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए दोस्त भी साथ छोड़ सकते हैं, इसीलिए आत्मनिर्भर होना बहुत अहम हो जाता है.

जंग में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कितना अहम जंग में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कितना अहम
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन नेवी चीफ एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कार्यक्रम में शिरकत की. उन्होंने कहा कि 1975 में जब इंडिया टुडे मैगजीन का पहला एडिशन आया था तब ढाई रुपये की एक मैगजीन आती थी. इसके बाद से टीवी और डिजिटल के रूप में ग्रुप का विस्तार हुआ. उन्होंने कहा कि इंडिया टुडे की ग्रोथ और टुडेज इंडिया की ग्रोथ एक-दूसरे के पूरक हैं. एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि बीते एक दशक से मैं भी इस ग्रोथ का गवाह रहा हूं. इस सफर के लिए उन्होंने इंडिया टुडे ग्रुप को शुभकामनाएं दी हैं.

Advertisement

रूस-यूक्रेन जंग से क्या सबक

चीन की विस्तारवादी नीति और रूस-यूक्रेन जंग के बीच नेवी के सामने क्या चुनौतियां हैं? इस सवाल के जवाब में नेवी चीफ दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि आज की टेक्नोलॉजी ने कमजोर विरोधी को भी मजबूत बना दिया है और ऐसे में सबसे पहले हमें चौकन्ना रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जंग के दौर में सप्लाई चैन पर असर पड़ता है और ऐसे में हमें आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना है. नेवी चीफ ने कहा कि जंग के समय अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए दोस्त भी साथ छोड़ सकते हैं, इसीलिए हमें आत्मनिर्भर होने की जरूरत है. इसके अलावा हमें खुद पर भरोसा रखना चाहिए और वक्त के साथ रणनीति को बदलते रहना चाहिए.

एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि रूस-यूक्रेन जंग ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि भविष्य के युद्ध छोटे होंगे. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी ने जंग के दौरान कमजोर देश को भी ताकतवर दुश्मन को चुनौती देने का मौका दिया है, खासकर जब उन्हें अन्य देशों का सपोर्ट मिल रहा हो. 

Advertisement

चीन की हर गतिविध पर नेवी की नजर

नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी ने कहा जंग में हथियारों का इस्तेमाल और क्षेत्र नहीं बदले लेकिन समय के साथ जंग के तरीके बदल गए हैं जिसकी सबसे बड़ी वजह टेक्नोलॉजी है. उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने भी हालात के हिसाब से खुद को आधुनिक बनाया है जिसमें अनमैन्ड व्हीकल आदि शामिल हैं. इसके लिए समय और पैसा दोनों लगता है, फिर भी हम जरूरतों के हिसाब से बदलाव कर रहे हैं. 

ये भी पढ़ें: पाक-चीन रिश्तों पर बोले सेना प्रमुख, कहा- दोनों के बीच गहरी सांठगांठ को स्वीकार करना होगा

चीन के साथ प्रतिस्पर्धा के सवाल पर एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि हम अपने दोस्तों और दुश्मनों दोनों पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि हिंद महासागर में हर गतिविधि पर नेवी की पैनी नजर है. चीन के हर जंगी जहाज पर नेवी नजर बनाए हुए है. उन्होंने कहा कि चीन अभी से नहीं काफी पहले से पाकिस्तान की नेवी, आर्मी और एयरफोर्स को मदद दे रहा है लेकिन उसमें हम कुछ नहीं कर सकते. हमारा काम है उनकी रणनीति का जवाब देना है. 

सशस्त्र बलों में स्टार्टअप्स की भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर एडमिरल त्रिपाठी ने इस बात पर जोर दिया कि आर्मी, नेवी और एयर फोर्स रक्षा मंत्रालय के पर्याप्त सहयोग से इनोवेशन और स्वदेशीकरण की तरफ आगे बढ़ा रही हैं. नौसेना प्रमुख ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के साथ-साथ तीनों सशस्त्र बल इस कोशिश में सबसे आगे हैं. उन्होंने कहा कि नेवी ने ऐसे स्टार्टअप्स की मदद के लिए दो टास्क फोर्स का गठन किया है, जिनके पास उपकरण विकसित करने की क्षमता है, लेकिन खरीद प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement