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Telanagana Exit Poll 2023: तेलंगाना में सत्ता विरोधी लहर, CM रेस में KCR ही अव्वल... EXIT Poll की 10 बड़ी बातें

सर्वे में एक बात तो साफ तौर पर दिख रही है कि, राज्य में BRS के खिलाफ तगड़ी सत्ता विरोधी लहर है और नतीजों वाले दिन केसीआर को इनका सामना करना पड़ सकता है. इस तरह ये सर्वे इस अनुमान की ओर इशारा कर रहा है कि सीएम के. चंद्रशेखर राव न तो जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे.

सीएम के. चंद्रशेखर राव (फाइल फोट) सीएम के. चंद्रशेखर राव (फाइल फोट)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:01 PM IST

तेलंगाना में गुरुवार 30 नवंबर को 119 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग हुई थी. इस बार 2290 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे. यहां के. चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति सत्ता में है. वहीं बीजेपी और कांग्रेस दोनों का ही मुकाबला केसीआर के साथ है. वोटिंग के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. इससे पहले India Today Axis My India के सर्वे में कई खास बातें सामने आई हैं, जो तेलंगाना के लिए बड़े संदेश देती दिख रही हैं. 

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1. सर्वे में एक बात तो साफ तौर पर दिख रही है कि, राज्य में BRS के खिलाफ तगड़ी सत्ता विरोधी लहर है और नतीजों वाले दिन केसीआर को इनका सामना करना पड़ सकता है. इस तरह ये सर्वे इस अनुमान की ओर इशारा कर रहा है कि सीएम के. चंद्रशेखर राव न तो जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे और न ही अपनी सत्ता बचा पाएंगे. विशेष रूप से दक्षिण, मध्य और तेलंगाना के उत्तरी क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर अधिक है, हालांकि हैदराबाद में यह बहुत प्रभावी नहीं है. 

2. उत्तरी तेलंगाना में बीआरएस के सत्ता विरोधी वोट बंटने के आसार हैं. यहां कांग्रेस को कांग्रेस - 2/3 और बीजेपी - 1/3 वोट शेयर मिल रहे हैं, लेकिन मध्य और दक्षिण क्षेत्र में यह अनुपात 90% कांग्रेस को और 10% बीजेपी को मिलता दिख रहा है. 

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3. मला, मडीगा, OBC और रेड्डी समुदायों के बीच कांग्रेस के वोट शेयर में वृद्धि हुई है, लेकिन मुस्लिम वोटर्स के बीच यह कम है.  बता दें कि मुस्लिम जनसंख्या हैदराबाद क्षेत्र में 28% है, जबकि अन्य 3 क्षेत्रों में कुल 12% हैं. 

4. BRS को 37% महिला और 33% पुरुष वोट मिल रहे हैं, जबकि CONG को 42% महिला और 44% पुरुष वोट मिल रहे हैं. 

5. कांग्रेस गांवों में किसानों और कम आय वर्ग के लोगों में आगे है.

6. CONG ने पिछले विधानसभा चुनाव 2018 की "भूल" से सीखा है. यह भूल  TDP के साथ गठबंधन बनाकर कांग्रेस ने की थी, जो कि तेलंगाना राज्य के गठन के खिलाफ थी.

7. लोगों ने भले ही BRS सरकार के कई सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ उठाया है, लेकिन इस बार उनके पास कई कारण हैं, जिसके लिए वे कांग्रेस को वोट कर रहे हैं और तेलंगाना की जनता ने इस बार परिवर्तन के लिए वोट किया है.

8. BJP को लगता है कि वह अपने वोट शेयर और सीट शेयर को 2018 के 7% से 14% और 1 से 6 सीटों तक बढ़ा सकती है, परंतु 2019 की लोकसभा चुनाव की तुलना में इसका प्रदर्शन कम है.

9. राज्य में सत्ता विरोधी लहर के बावजूद लोगों ने बतौस सीएम फेस, मौजूदा मुख्यमंत्री केसीआर को ही पसंद किया है. सर्वे में इस सवाल के जवाब में 32% लोग केसीआर को सीएम बनते देखना चाहते हैं. इसके बाद कांग्रेस पार्टी से कोई सीएम बने तो इसके लिए 22% वोट मिले हैं. इसके बाद 21% लोग ऐसे हैं जो अनुमुला रेवंत रेड्डी को सीएम बनते देखना चाहते हैं. बतौर सीएम ओवौसी सिर्फ 3 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं.

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10.  राज्य की आबादी में अधिकतर की मांग है कि परिवर्तन होना चाहिए और इस बार इसी बात के लिए मतदाता वोट करने पहुंचे थे. सर्वे में सामने आया कि 25 फीसदी लोगों ने परिवर्तन के मुद्दे पर वोट किया. यानी कि वह राज्य में सरकार बदलते हुए देखना चाहते हैं. राज्य के विकास के लिए 15 फीसदी वोट पड़े हैं. वर्तमान राज्य सरकार के काम पर 12 फीसदी लोगों ने वोट किया है. 

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