
नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने एक बार फिर प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. दरअसल तेलंगाना के निजामाबाद में कराटे कैंप के नाम पर चलाये जा रहे PFI के ट्रेनिंग कैंप को लेकर NIA ने चार्जशीट दाखिल की है. ये चार्जशीट कराटे टीचर और 11 अन्य आरोपियों के खिलाफ दाखिल की गई है. UAPA की धाराओं तहत दाखिल चार्जशीट के मुताबिक PFI इन कराटे कैम्पों की आड़ में बड़ी फंडिंग कर रहा था, जिसका पैसा विदेशों से आने की जानकारी है.
'दी जा रही थी गला और बॉडी पार्ट्स काटने की ट्रेनिंग'
इसमें आरोप है कि यहां करीब 200 लोगों के साथ पीएफआई कैंप चलाया जा रहा था. एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक इसका मास्टरमाइंड कराटे टीचर अब्दुल कादिर ये कैंप चला रहा था. यहां भोले- भाले युवाओं को रेडिकलाइज कर पीएफआई में रिक्रूट किया जाता था और बड़ी साजिश को अंजाम देने का प्लान था . साथ ही कहा गया कि ये लोग कराटे कैंप के नाम पर मुस्लिम युवकों को हमला करने की ट्रेनिंग दे रहे थे. इसमें गला काटने, शरीर के महत्वपूर्ण बॉडी पार्ट को अलग करने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. एनआईए ने चार्जशीट में इसकी विस्तृत जानकारी दी है. गिरफ्तार हुए लोगों के पास से हथियार भी बरामद हुए हैं. इन हथियारों का इस्तेमाल ट्रेनिंग में किया जा रहा था.
एक दिन पहले हुई PFI के 56 ठिकानों पर छापेमारी
बता दें कि जांच एजेंसी ने एक दिन पहले ही केरल में एक साथ PFI के 56 ठिकानों पर छापेमारी की है. इनमें PFI के कई मेंबर्स के घर भी शामिल हैं. तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, एर्नाकुलम, अलप्पुझा और मलप्पुरम जिलों में छापे मारे गए हैं. दरअसल, गृह मंत्रालय (MHA)से प्रतिबंधित होने के बाद PFI अन्य अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन से संपर्क में था, जिसके जरिए फंड जुटाने की कोशिश की जा रही थी. जांच एजेंसियों के मुताबिक किसी दूसरे नाम पर पीएफआई को फिर से खड़ा करने की कोशिश की जा रही है.
PFI पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
एक महीने पहले ही कर्नाटक हाईकोर्ट ने PFI पर लगे प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की थी. दरअसल, तिहाड़ जेल में बंद पीएफआई की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष नासिर पाशा ने 27 अक्टूबर को यह याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने 28 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सिंगल बेंच के जस्टिस नागप्रसन्ना ने 30 नवंबर को फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी.
पांच साल के लिए प्रतिबंधित है PFI
सरकार ने आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकी समूहों के साथ लिंक होने का आरोप लगाते हुए पीएफआई और उसके कई सहयोगी संगठनों को 28 सितंबर को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. संगठन के कई कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. इसके बाद से ही जांच एजेंसी इससे जुड़े लोगों पर लगातार शिकंजा कसने का काम कर रही है.
तीन मुस्लिम संगठनों के मिलकर बना PFI
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों के मिलने से बना था. इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई साथ आए. PFI खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है. PFI में कितने सदस्य हैं, इसकी जानकारी संगठन नहीं देता है.