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ओडिशा: JNU प्रोफेसर की स्पीच के दौरान हंगामा, छात्रों पर मारपीट का आरोप, कैंसिल करना पड़ा प्रोग्राम

ओडिशा की एक यूनिवर्सिटी में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को बीच में ही अपना भाषण रोकना पड़ा. दरअसल, उनके भाषण के दौरान यूनिवर्सिटी में कुछ छात्रों ने जोरदार हंगामा कर दिया. मारपीट और बवाल के बाद कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया.

उत्कल यूनिवर्सिटी (File Photo) उत्कल यूनिवर्सिटी (File Photo)
aajtak.in
  • भुवनेश्वर,
  • 13 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:11 AM IST

ओडिशा की उत्कल यूनिवर्सिटी में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के प्रोफेसर की स्पीच के बीच में बवाल हो गया. मामला इतना ज्यादा बढ़ गया कि कार्यक्रम के दौरान मारपीट तक हो गई और कार्यक्रम बीच में कैंसिल करना पड़ा. हंगामा करने वाले छात्रों का आरोप है कि प्रोफेसर ने अपने भाषण के दौरान ऊंची जाति को लेकर आपत्तिजनक बातें कहीं थीं.

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जानकारी के मुताबिक मारपीट के बाद दोनों पक्षों ने भुवनेशवर के शहीद नगर थाने में अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई. पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया, फिलहाल जांच की जा रही है. दरअसल बवाल तब शुरू हुआ, जब JNU के प्रोफेसर सुरजीत मजूमदार के एक भाषण का कुछ छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया.

प्रदर्शनकारियों का यह है आरोप

प्रदर्शनकारियों में शामिल छात्रों का आरोप है कि मजूमदार ने अपने भाषण में कहा था कि उच्च जातियां देश पर शासन कर रही हैं और हमें उनका विरोध करना चाहिए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमने उनके बयान का विरोध किया और फिर आयोजकों ने हम पर हमला कर दिया. हमने कार्यक्रम बंद करा दिया, क्योंकि हम नहीं चाहते कि लोग यूनिवर्सिटी परिसर का गलत इस्तेमाल करें.

प्रोफेसर ने सफाई में क्या कहा?

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इस मामले में JNU के प्रोफेसर सुरजीत मजूमदार ने आरोप लगाया कि छात्र एक राजनीतिक दल से संबंधित थे. बवाल के बाद नागरिक फोरम के इस कार्यक्रम को बीच में ही रोकनी पड़ी. 
यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के मुताबिक कुछ दर्शक, जिनमें ज्यादातर छात्र थे. मजूमदार के भाषण पर खुले तौर पर आपत्ति जताई. विरोध के बाद सिटीजन फोरम के संयोजक प्रदीप नायक की विरोध करने वालों से बहस हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि गालियां देने के अलावा छात्रों ने उनके मारपीट भी की.

दावा: समूह में बाहरी लोग भी थे शामिल

नायक ने आरोप लगाया कि जेएनयू के प्रोफेसर सुरजीत मजूमदार अपना भाषण दे रहे थे. वह किसी के खिलाफ नहीं बोल रहे थे, यहां तक कि सरकार के खिलाफ भी नहीं. लेकिन कुछ छात्रों ने इसके बाद भी हंगामा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों के समूह में कुछ बाहरी लोग भी शामिल थे.

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