
दिल्ली बॉर्डर पर जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच बुधवार 20 जनवरी को किसान संगठनों और सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत होनी है. नए कृषि कानूनों को लेकर यह बैठक 19 जनवरी सोमवार को होनी थी, लेकिन इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया. सरकार का कहना है कि केंद्र और किसान इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझा लेना चाहते हैं, लेकिन इसमें अन्य विचारधाराओं के लोग घुस आए हैं, और इस वजह से गतिरोध खत्म करने में देरी हो रही है.
यह कहते हुए कि नए कृषि कानून किसान समुदाय के हित में हैं, सरकार ने कहा कि जब भी अच्छी चीजें या उपाय किए जाते हैं तो बाधाएं आती हैं और इस मुद्दे को हल करने में अधिक समय लग रहा है क्योंकि किसान नेता अपने तरीके से समाधान चाहते हैं.
बहरहाल, 41 किसान संगठनों के साथ सरकार की बैठक का महत्वपूर्ण दसवां दौर बुधवार के लिए निर्धारित है. इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को उम्मीद जताई थी कि किसान संगठन 10वें दौर की बातचीत में नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के अलावा अन्य विकल्पों पर चर्चा करेंगे. कृषि मंत्री ने किसानों से यह भी अपील की कि वे दिल्ली में 26 जनवरी को अपनी ट्रैक्टर रैली न करें.
ट्रैक्टर रैली पर सुनवाई
वहीं सुप्रीम कोर्ट बुधवार को किसानों की 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के मामले पर सुनवाई करेगा. शीर्ष कोर्ट ने सोमवार को रैली रोकने संबंधी दिल्ली की मांग वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी. कोर्ट ने कहा था कि यह पुलिस के ऊपर है कि वह इसकी अनुमति देती है या नहीं. ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के अफसरों के बीच बैठक भी हुई. किसान संगठनों ने शांतिपूर्ण मार्च का आश्वासन दिया है.
सुप्रीम कोर्ट कमेटी की बैठक
'भगवद गीता में कहा गया है कि कर्म करो, फल की इच्छा मत करो. हमारा कर्तव्य अपना काम करना है. नीयत ठीक होनी चाहिए.' यह बात किसानों के मसले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त कमेटी के सदस्य कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी ने मंगलवार को कही.
असल में, अशोक गुलाटी से पूछा गया था कि क्या वह मानते हैं कि कमेटी किसानों को वार्ता की टेबल तक लाने और निश्चित समय सीमा में अपना काम पूरा करने में सक्षम होगी? किसानों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की दिल्ली में मंगलवार को पहली बैठक हुई. इस दौरान कमेटी ने सभी किसानों संगठनों को बातचीत के लिए 21 जनवरी को आमंत्रित करने का ऐलान किया.
शीर्ष न्यायालय ने कृषि विशेषज्ञों और कार्यकर्ताओं की चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. लेकिन भारतीय किसान यूनियन के पूर्व अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने घोषणा की थी कि वह इसका हिस्सा नहीं होंगे. शेष तीन सदस्य- कृषि लागत और मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक गुलाटी, कृषि खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रमोद कुमार जोशी और शेतकरी संगठन महाराष्ट्र के अनिल घनवट ने मंगलवार को दिल्ली में एनएएससी परिसर में एक प्रारंभिक बैठक की.
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बैठक के बाद, मीडिया को जारी बयान में कमेटी ने उम्मीद जाहिर की कि सभी संगठन और हितधारक विचार-विमर्श की प्रक्रिया में शामिल होंगे. कमेटी ने कहा कि, "जो लोग हमसे मिलना चाहते हैं वो मिल सकते हैं. अन्य लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ सकते हैं." सरकार द्वारा उन सभी हितधारकों के लिए एक वेब पोर्टल भी बनाया जा रहा है जो अपने सुझाव और राय देने के लिए दिल्ली नहीं आ पा रहे हैं. कमेटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह विवाद पर अपनी राय नहीं देने जा रही है.
राहुल ने केंद्र पर साधा निशाना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि कानूनों को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. राहुल ने दावा किया कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र पर तीन-चार पूंजीपतियों का एकाधिकार हो जाएगा और खेती की पूरी व्यवस्था आजादी से पहले की हालत में चली जाएगी. तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वह देशभक्त और साफ-सुधरे आदमी हैं और वे देश की रक्षा के लिए मुद्दे उठाते रहेंगे.
ट्रैक्टर परेड में असामाजिक तत्वों को इजाजत नहीं
संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 जनवरी के "किसान गणतंत्र दिवस परेड" की योजनाओं का विवरण साझा किया है. किसान मोर्चा ने कहा कि देश के अन्नदाता अनुशासित तरीके से परेड निकाल कर देश के जवानों के साथ गणतंत्र दिवस मनाना चाहते हैं. किसान नेताओं ने कहा, "किसी भी असामाजिक तत्व को इसमें घुसपैठ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी". एसकेएम ने हरियाणा और दिल्ली पुलिस से सहयोग का आग्रह किया है. किसान संगठनों ने आश्वासन दिया कि परेड शांति से होगी, और इससे आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड बाधित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि परेड से किसी भी राष्ट्रीय विरासत स्थलों, या किसी अन्य साइट पर कोई खतरा नहीं होगा.
समाचार एजेंसी के मुताबिक प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने दावा किया कि बुधवार को गुरु गोबिंद सिंह जयंती के बाद प्रदर्शन के लिए और अधिक किसान जुटेंगे. डेबा किसान समिति के अमरजीत सिंह रार ने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार हमें अपनी रैली के लिए अनुमति दे. यह हमारा देश है और यह हमारी संवैधानिक अधिकार है कि अपनी जरूरतों और मांगों को आवाज़ दें." उन्होंने कहा कि हम अपने किसान संघों के झंडे और राष्ट्रीय ध्वज के साथ मार्च करेंगे.
वहीं आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई ने मंगलवार को ऐलान किया कि वह 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड में शामिल होगी. AAP की राज्य इकाई के अध्यक्ष भगवंत मान ने यह घोषणा करते हुए कहा कि इतने बड़े पैमाने पर लोगों की शांतिपूर्ण तरीके से भागीदारी के साथ चल रहा किसान आंदोलन "दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन" बन गया है. भगवंत मान ने कहा कि राज्य भर के हर गांव से उनकी पार्टी के स्वयंसेवक ट्रैक्टर के साथ परेड में शामिल होंगे.