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राम मंदिर उद्घाटन के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों ने भारत में दी हमले की धमकी

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने भारत में हमला करने की धमकी दी है. जिसमें 'हिंदुत्व ताकतों' और अयोध्या में 22 जनवरी के कार्यक्रम में शामिल होने वाली मशहूर हस्तियों को निशाना बनाया जाएगा.

फाइल फोटो फाइल फोटो
अरविंद ओझा/शुभम तिवारी/आकाश शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:34 AM IST

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने भारत में हमला करने की धमकी दी है. जिसमें 'हिंदुत्व ताकतों' और अयोध्या में 22 जनवरी के कार्यक्रम में शामिल होने वाली मशहूर हस्तियों को निशाना बनाया जाएगा. इंडिया टुडे के पास मौजूद दो अलग-अलग धमकी भरे संदेशों में फरहतुल्ला गौरी (आतंकी अपराधों में आरोपी) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने राम लला के अभिषेक समारोह को 'पैशाचिक' कहा और बदला लेने के लिए लोगों को उकसाया.

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BJP और RSS के खिलाफ विद्रोह छेड़ने का आह्वान
गौरी ने 'राम मंदिर: युद्ध की घोषणा' शीर्षक से एक वीडियो जारी किया, जिसमें भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ जिहाद का आह्वान किया. वीडियो में कथित तौर पर गौरी की आवाज है और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राम जन्मभूमि मंदिर में भीड़ का अभिवादन करते हुए और पूर्व भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल की तस्वीरें हैं. इसमें मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाने की धमकी दी गई है.

वीडियो में गौरी ने मुंबई, भटकल, आज़मगढ़ और हैदराबाद शहरों से आतंकवादी गतिविधियों के लिए घटते समर्थन पर अफसोस जताया. उसने औरंगाबाद स्थित विद्वान फ़ैज़ सैयद, जो अक्सर जिहाद की निंदा करते हैं, और पूर्व सांसद महमूद असद मदनी जैसी उदार मुस्लिम हस्तियों को 'बेचनेवाला' बताया.

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सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह भारत में अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भोले-भाले युवाओं की भावनाओं को भड़काने के तौर पर मंदिर के उद्घाटन का जिक्र करते रहेंगे.

कौन है फरहतुल्ला गौरी?
1966 में हैदराबाद में जन्मे गौरी 90 के दशक के मध्य में 30 साल की उम्र में दुबई चला गया और बाद में पाकिस्तान के रावलपिंडी शिफ्ट हुआ. वह 2002 में गांधीनगर में अक्षरधाम मंदिर पर हमले और 2004 में हैदराबाद में राजनीतिक नेताओं को खत्म करने की साजिश से संबंधित मामलों में आरोपी है.

2016 में भारतीय युवाओं को भर्ती करने और भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) में आतंकवादी संगठन अल-कायदा का आधार स्थापित करने की साजिश के मामले में दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, गौरी पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किए गए तीन संदिग्ध आईएसआईएस आतंकियों का हैंडलर था. अधिकारियों का मानना है कि गौरी एक मुखौटा है. वह भारत पर केंद्रित एक आईएस मॉड्यूल खड़ा कर रहा है, जिसे पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) का सहयोग है. 2022 के मध्य में गौरी ने खुफिया एजेंसियों का ध्यान तब खींचा जब उसने ऑनलाइन संपत्तियों के नेटवर्क का उपयोग करके प्रचार वीडियो जारी करना शुरू कर दिया, जिसमें भारतीय मुसलमानों से विद्रोह करने का आह्वान किया गया. 

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अपनी पहचान छुपाने के लिए कई सर्जरी करवाई
गौरी को जैश-ए-मुहम्मद (JeM) में एक प्रमुख किरदार माना जाता है और कैडर के बीच अक्सर उसे 'उस्ताद' के रूप में पहचाना जाता है. माना जाता है कि दुबई में रहने के दौरान गौरी ने अपनी पहचान बचाने के लिए कई सर्जरी करवाईं. अक्टूबर 2020 में केंद्र सरकार ने उसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवादी घोषित किया. गौरी पर हत्या के प्रयास, साजिश और उकसावे, हथियारों और गोला-बारूद के अवैध संग्रह और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की तैयारी का आरोप है.

गौरी ने कभी भी कोई मीडिया इंटरव्यू नहीं दिया या सार्वजनिक भाषण नहीं दिया. वह इतने गुप्त रहता है कि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन या इंटरपोल कभी भी उसकी स्पष्ट तस्वीर नहीं ले पाया.

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