
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामजन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित होने वाली रामलला की प्रतिमा और अन्य प्रतिमाओं के लिए शिलाओं का परीक्षण जारी है. 1 फरवरी को नेपाल से पहुंची देव शिलाओं के बाद अब एक और शिला कर्नाटक से अयोध्या पहुंची है.
कर्नाटक से लायी गयी शिला को भी रामसेवकपुरम में देव शिलाओं के पास रखा गया है. हल्के ग्रे रंग की शिला का विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण किया जाएगा. इस बीच नेपाल से पहुंची देव शिलाओं से मूर्ति बनाने की सम्भावना से पहले तकनीकी परीक्षण जारी है. तकनीकी परीक्षण के बाद शिल्पकारों और विशेषज्ञों का पैनल इस बारे में फैसला करेगा. रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार अभी इस बारे में फैसला लिया जाना है.
अयोध्या में निर्माणाधीन रामलला के मंदिर में गर्भगृह की दहलीज यानी का चौखट का निर्माण बीते सप्ताह माघ पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में संपन्न किया गया. गर्भगृह की देहली के पूजन का शुभारंभ परम पवित्र माने जाने वाले माघ मास की पूर्णिमा पर पुष्य नक्षत्र में सर्वार्थ सिद्धि योग का मंगल मुहूर्त में हुआ. इस शुभ घड़ी में विधिपूर्वक रामलला के मंदिर में गर्भगृह की पहली आधारशिला रखी गई.
अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार अपनी पत्नी के साथ मुख्य यजमान की भूमिका में दिखे. पूरे वैदिक विधि विधान से पूजन करने के बाद संगमरमर की अलंकृत शिला वहां स्थापित की गई. इसके साथ गर्भगृह का निर्माण भी जोर-शोर से आगे बढ़ चला. अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के मुताबिक, तेजी से चल रहे मंदिर निर्माण में यहां प्रतिष्ठित होने वाले श्री विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा अगले साल मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में करने की योजना है, इसलिए मंदिर निर्माण से जुड़े सभी पहलुओं पर काम बहुत तेजी से चल रहा है.