
फ्लाइट में बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने के मामले में एअर इंडिया (Air India) की इंटरनल रिपोर्ट सामने आ गई है. इस रिपोर्ट में आरोपी शंकर मिश्रा के बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने की बात की पुष्टि की गई है. बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद शंकर मिश्रा को पहले ही एअर इंडिया 4 महीने के लिए नो-फ्लाइ की लिस्ट में डाल चुकी है. तब से वह जेल में है.
इस रिपोर्ट को बनाने वाले तीन सदस्यों में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम के डायरेक्टर एनके गोयल, एयर पैसेंजर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उत्तरी क्षेत्र के उपाध्यक्ष सेतु वैद्यनाथन और इंडिगो सिस्टम ट्रेनिंग के डायरेक्टर प्रतीक सेन शामिल थे. इन्होंने जो रिपोर्ट सौंपी है, वह आजतक को मिल चुकी है.
26 नवंबर को हुई घटना के बाद 24 दिसंबर 2022 को कमेटी का गठन किया गया था. इस मामले में शिकायतकर्ता ने लगभग एक महीने बाद एयर इंडिया की मूल कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन को अपनी आपबीती सुनाते हुए ईमेल किया था. उसने 20 दिसंबर 2022 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एयरसेवा पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई थी.
एयर इंडिया की इंटरनल रिपोर्ट में कहा गया है कि शंकर मिश्रा को जिस दिन कारण बताओ नोटिस मेल किया गया, उस दिन ही उसने नोटिस का जवाब दे दिया. इसके बाद बुलाने पर वह 4 जनवरी 2023 की शाम 4 बजे समिति के सामने अपने वकील के साथ उपस्थित भी हु्आ था. इस दिन ही पहली बार यह मामला मीडिया में सामने आया था और डीजीसीए को पहली बार इसके बारे में पता चला था.
अपने बचाव में शंकर मिश्रा ने दावा किया कि उसे 26 नवंबर 2022 को 6 बजे अमेरिका के चार्लोट डगलस एयरपोर्ट (CLT) से न्यूयॉर्क की फ्लाइट लेनी थी. यहां से दोपहर 12:30 बजे न्यूयॉर्क से दिल्ली की फ्लाइट मिलनी थी. CLT तक पहुंचने के लिए मिश्रा ने रात में 4-5 घंटे सड़क मार्ग से यात्रा की. उसे बिना खाना खाए और सोए 10-12 घंटे तक रहना पड़ा. मिश्रा ने कमेटी को बताया कि वह बहुत थका हुआ था और सोना चाहता था. नोटिस के जवाब में उसने कहा कि उसे एयर इंडिया की फ्लाइट में निर्धारित मात्रा में ही भोजन और शराब परोसी गई. हालांकि, मिश्रा ने दावा किया कि ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे पता चले कि उसने शराब का सेवन किया था.
एयर इंडिया की कमेटी ने मिश्रा के तर्क को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके पिछले बयान में सामने आया था कि फ्लाइट में शराब परोसी गई थी. हो सकता है कि उसने (मिश्रा) खाली पेट एक से अधिक ड्रिंक पी हों, जिससे वह 'ब्लैकआउट' के लेवल पर पहुंच गया. अल्कोहल से संबंधित ब्लैकआउट्स किसी व्यक्ति की याददाश्त में गैप ला देता है. ऐसी घटनाएं जो उसके नशे में रहने के दौरान हुई हों, वह उसे भूल जाता है.
जवाब में शंकर मिश्रा ने कहा कि केबिन क्रू सदस्यों में से एक ने उन्हें जगाया था. उन्हें बताया गया कि उनकी महिला सह-यात्री ने उन पर आरोप लगाया है. मिश्रा ने कहा कि उस समय बचाव के लिए उसके पास कोई शब्द नहीं थे. शंकर मिश्रा की कानूनी टीम ने तर्क दिया कि पीड़िता एक बूढ़ी औरत थी. कोई शंकर की बात पर विश्वास नहीं करता. इसलिए उसने बिना शर्त माफी मांग ली. वह महिला के गंदे कपड़े और उसके सामान को साफ करने के लिए भी तैयार हो गया. शंकर मिश्रा ने महिला को 15 हजार रुपए (200 डॉलर) का मुआवजा भी दिया था. मुआवजा देने का फैसला भी उसने महिला के आग्रह पर ही किया था. पीड़िता ने भुगतान के लिए अपना PayTM नंबर भी लिखा था.
महिला ने क्रू मेंबर की शिकायत भी की थी
महिला यात्री ने अपनी शिकायत में लिखा था, 'मैं फ्लाइट AI102 पर अपनी बिजनेस क्लास यात्रा के दौरान हुई भयानक घटना के बारे में अपनी गहरी निराशा व्यक्त करने के लिए लिख रही हूं. यह मेरी अब तक की सबसे दर्दनाक उड़ान रही है. उड़ान के दौरान, दोपहर के भोजन के तुरंत बाद, लाइट बंद कर दी गई थी. जब मैं सोने की तैयारी कर रही थी, तभी नशे में धुत्त एक यात्री उनकी सीट पर आया और उसने पेशाब कर दी. दूसरे यात्रियों ने उसे हटाने की कोशिश की फिर भी वह नहीं माना. उन्होंने एआई केबिन क्रू को इस घटना के प्रति असंवेदनशील बताया. उन्होंने कहा कि क्रू ने उन्हें केवल कपड़े बदलने के लिए बस एक जोड़ी पजामा और चप्पल दी, लेकिन हरकत करने वाले पुरुष यात्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.'
7 जनवरी को बेंगलुरु से अरेस्ट हुआ था आरोपी
पिछले साल 26 नवंबर को न्यू यॉर्क से दिल्ली आ रही फ्लाइट में नशे में धुत शंकर मिश्रा ने बिजनेस क्लास में बैठी 70 साल की महिला यात्री पर पेशाब कर दिया था. इस मामले पुलिस ने 7 जनवरी को बेंगलुरु से आरोपी को गिरफ्तार किया था.जानकारी के मुताबिक, घटना के 42 दिन बाद उसे गिरफ्तार किया जा सका था. मुंबई का रहने वाला शंकर लगातार फरार चल रहा था, जिसके बाद उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया था. बाद में पुलिस ने आरोपी के मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसे अरेस्ट किया था.पुलिस ने उसके खिलाफ 354,294,509,510 IPC के तहत केस दर्ज किया है.