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राफेल विमानों का तीसरा जत्था पहुंचा भारत, रास्ते में UAE की वायुसेना ने आसमान में भरा फ्यूल

ये तीनों राफेल लड़ाकू विमान 7 हजार किलोमीटर से अधिक का सफर पूरा कर भारत पहुंचे हैं. रास्ते में UAE की वायुसेना द्वारा आसमान में ही इनमें फ्यूल भरा गया. भारतीय वायुसेना ने राफेल में फ्यूल भरने पर UAE की वायुसेना को धन्यवाद किया. 

राफेल लड़ाकू विमान राफेल लड़ाकू विमान
अभिषेक भल्ला
  • नई दिल्ली ,
  • 27 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:43 PM IST
  • राफेल विमानों का तीसरा जत्था पहुंचा भारत
  • UAE की वायुसेना ने आसमान में दिया फ्यूल सपोर्ट
  • कुल 11 राफेल भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल


भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) को और ताकतवर बनाने के लिए तीन और राफेल लड़ाकू विमान (Raffle Fighter Jets) फ्रांस से भारत पहुंच गए हैं. बुधवार को राफेल विमानों का तीसरा जत्था वायुसेना के बेस (IAF) पर लैंड हुआ. इन तीन विमानों के भारत पहुंचने के बाद वायुसेना के बेड़े में शामिल राफेल की संख्या 11 हो गई है. 

बता दें कि ये तीनों राफेल लड़ाकू विमान 7 हजार किलोमीटर से अधिक का सफर पूरा कर भारत पहुंचे हैं. रास्ते में UAE की वायुसेना द्वारा आसमान में ही इनमें फ्यूल भरा गया. भारतीय वायुसेना ने राफेल में फ्यूल भरने पर UAE की वायुसेना को धन्यवाद किया. 

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मालूम हो कि इससे पहले पांच राफेल विमानों के पहले बैच को 10 सितंबर को भारतीय वायुसेना में कमीशन किया गया था. इसके बाद नवबंर 2020 में तीन और राफेल विमान भारत पहुंचे थे. इसके बाद आज तीन और विमान भारत पहुंचे. इस तरह कुल 11 राफेल भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो चुके हैं. 

सीमा पर चीन से तनाव के बीच अगले साल अप्रैल तक भारत को कुल 21 राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से मिलेंगे. 21 राफेल विमानों की डिलीवरी के साथ ही भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में अभूतपूर्व इजाफा होगा. बता दें कि भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए सौदा किया है. गौरतलब है कि भारतीय सेना खुद को मजबूत करने में जुटी हैं. इस क्रम में हथियारों की खरीद के साथ वह स्वदेशी हथियारों पर जोर दे रही है. 

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हाल ही में भारत और फ्रांस की वायुसेना ने साझा युद्धाभ्यास किया है. दोनों देशों की वायुसेना के इस युद्धाभ्यास को 'डेजर्ट नाइट' का नाम दिया गया. जिसकी शुरुआत राजस्थान के जोधपुर में हुई. गौरतलब है कि राफेल विमान को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किए जाने के बाद यह पहला अवसर था जब फ्रांस से आया लड़ाकू विमान किसी युद्धाभ्यास का हिस्सा बना. 


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