
जम्मू-कश्मीर बॉर्डर (Jammu Kashmir Border) के पार सीजफायर की स्थिति भले ही हो, लेकिन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) और उनके आतंकियों की गतिविधियां लगातार चल रही हैं. कश्मीर के अंदर जहां सुरक्षाबलों को निशाना बना रहे हैं तो वहीं जम्मू के इंटरनेशनल बॉर्डर के उस पार ड्रोन के जरिए हथियार भेजने और हमले करने की साजिश रची जा रही है. खुफिया सूत्रों ने 'आजतक' को यह जानकारी दी है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इस वक्त जम्मू में बाढ़ के चलते कई नदियों में आए उफान का इस्तेमाल घुसपैठ के लिए कर सकती है.
जानकारी के मुताबिक, जम्मू में 13 छोटे नालें और 3 बड़ी नदियां हैं, जहां से आतंकी घुसपैठ कर सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, बरसात में जम्मू की बसंतर नदी में काफी पानी आ गया है. एजेंसियों को इस बात का खतरा है कि आतंकी इन नदियों का इस्तेमाल घुसपैठ के लिए कर सकते हैं. यही वजह है कि बीएसएफ ने नदी और नालों के इलाके में अलर्ट बढ़ा दिया है. साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस को भी बढ़ा दिया गया है.
लॉन्च पैड पर 77 से ज्यादा आतंकी
जम्मू-कश्मीर से आतंकी इंटरनेशनल बॉर्डर के उस पार बने लॉन्च पैड से विदेशी आतंकी घुसपैठ करवा सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि पाक रेंजर्स इन आतंकियों की मदद करने में जुटे हैं. यही नहीं, जम्मू वाले क्षेत्र में सीमापार बने आतंकी लॉन्च पैड पर 77 से ज्यादा आतंकी इस वक्त भी मौजूद हैं, जिनको पाक रेंजर्स की मदद से घुसपैठ कराई जा सकती है.
खुफिया एजेंसियों को यह जानकारी मिली है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में जून के महीने में निकैल लॉन्च पैड के नजदीक जोकि लश्कर का ऑफिस भी है, पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर तीन आतंकी संगठनों-जिसमें लश्कर जैश और अल बदर के आतंकी कमांडर मौजूद थे, उनकी बैठक कराई गई है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि इस बैठक में आतंकियों की फंडिंग, घुसपैठ के नए रास्ते ढूंढने और ड्रोन के जरिए हथियार भेजने और हमला करने को लेकर बातचीत हुई है.
सेना की चौकसी के चलते घुसपैठ न के बराबर
सुरक्षा एजेंसियों के उच्च स्तरीय सूत्रों ने 'आजतक' को यह जानकारी दी है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इस वक्त बौखलाहट में है, क्योंकि कश्मीर घाटी में आतंकी रिक्रूटमेंट भी नहीं हो पा रही है. साथ ही सीमा पर सेना की चौकसी के चलते घुसपैठ न के बराबर हो रही है. यही वजह है कि अब घुसपैठ और आतंक को फैलाने के लिए नए-नए रास्ते पाक आईएसआई और आतंकी कमांडर ढूंढ रहे हैं.
इस साल अब तक 86 से ज्यादा आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढेर किया है. साथ ही जो कश्मीर के युवा आतंक की राह पकड़ रहे हैं, उनको सुरक्षा एजेंसियां भटकने से रोक रही हैं. पिछले महीने 14 युवाओं को आतंक की राह पर जाने से सुरक्षा बलों रोका है. बता दें कि अनुच्छेद-370 खत्म होने के दो साल पांच अगस्त को पूरे हो रहे हैं. ऐसे में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी जम्मू-कश्मीर में गड़बड़ी फैलाना चाहती है. एजेंसी उफनती नदी-नालों का इस्तेमाल कर घुसपैठ कराने की फिराक में है. साथ ही ड्रोन के जरिए हथियार और आईईडी भेजने की आने वाले दिनों में और ज्यादा कोशिश की जा सकती है, जिसको लेकर भारतीय एजेंसियां पूरी तरह से मुस्तैद हैं.