
'डंकी रूट' शब्द एक बार फिर भारत में चर्चा में है. कारण, 104 भारतीय डिपोर्ट होकर बुधवार को भारत पहुंचे, जो अमेरिका में डंकी रूट के जरिए घुसने की कोशिश कर रहे थे. निर्वासित लोगों में हरियाणा और गुजरात से 33-33, पंजाब से 30, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तीन-तीन और चंडीगढ़ से दो लोग हैं. दरअसल, डंकी रूट के बारे में आपने कई बार सुना होगा. ये बिलकुल सुरक्षित नहीं होता. इसमें कई देशों की सीमाएं पार करनी होती है. वीजा न होने के चलते इस रास्ते को अपने के दौरान लोगों का खूब शोषण भी होता है. कई बार तो लोग बीच रास्ते में ही मारे जाते हैं.
अमेरिका पहुंचने के लिए कई डंकी रूट हैं. और इनके जरिए भी पहुंचना आसान नहीं है. इन डंकी रूट के जरिए जाने के लिए भी 70 से 80 लाख रुपये तक भारतीयों ने खर्च कर डाले. अमेरिका पहुंचने के लिए पहला डंकी रूट वाया कनाडा है, जिसमें लोग भारत से कनाडा और फिर अमेरिका पहुंचते हैं. एजेंट 80 लाख लेकर फर्जी यूनिवर्सिटी एडमिशन के नाम पर वीजा लेते हैं. वर्क परमिट लेते हैं. अमेरिकी सीमा के पास लोगों को रुकवाते हैं और फिर अवैध तरीके से अमेरिका में एंट्री कराते हैं.
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अमेरिका जाने के हैं ये और दो डंकी रूट
इसके अलावा एक डंकी रूट भारत से ई-वीजा लेकर वाया तुर्किए है. यहां पहले तुर्किए में 90 दिनों तक लोग रुकते हैं. फिर मेक्सिको जाते हैं और पैदल चलकर अमेरिका पहुंचते हैं. इसमें 80 से 90 लाख रुपये का खर्च आता है. वहीं तीसरा डंकी रूट भारत से अफ्रीका फिर लैटिन अमेरिका होते हुए मेक्सिको का है. इस दौरान जंगल पार करते हुए लोग अमेरिका पहुंचते हैं. इसमें भी भारत से जाने वाले लोगों को 70 से 75 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं. इतनी मोटी रकम जुटाने के लिए किसी का परिवार मोटे ब्याज पर कर्च लेता है तो कोई जमीन बेचकर अमेरिका में अवैध एंट्री लेने के लिए पैसे का जुगाड़ करता है.
अमेरिका में बसने की चाहत एक बड़ा अवैध कारोबार का रूप ले चुकी है. सारी हकीकत जानते हुए भी हर साल हजारों भारतीय नौजवान ठगी का शिकार होते हैं. अमेरिका में बसने का सपना देश के हजारों परिवारों को तबाह कर रहा है. डंकी रूट से जाने वाले लोगों की जुबानी सुनी जाए तो वह किसी डरावने सपने से कम नहीं है. ऐसे ही वीडियो निर्वासित हुए हरियाणा के करनाल के रहने वाले आकाश के परिवार ने भी शेयर किए हैं, जिसमें डंकी रूट से अमेरिका में एंट्री करने से पहले आकाश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. वीडियो में आकाश अमेरिका में एंट्री करने के लिए पनामा और मैक्सिको के खतरनाक इलाकों को पार कर रहा है.
लाखों खर्च करने के बाद जान पर खेलकर पार होता है डंकी रूट
वीडियो में छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं भी हैं, जो जंगलों में सोने के लिए टेंट का सहारा ले रहे हैं. कई जगहों पर कीचड़ होने के कारण प्रवासियों को पैर पूरी तरह सन गए हैं. आकाश ने पनामा के जंगलों से गुजरते हुए यह वीडियो बनाकर परिवार को भेजे थे. इन वीडियो में दिख रहा है कि डंकी रूट से जा रहे लोग पनामा के जंगलों में कीचड़ से गुजर रहे हैं. उनके बूट कीचड़ से सने हैं. भयावह जंगल में वह टेंट लगाकर रह रहे हैं. बारिश में पॉलिथीन से शरीर और सामान ढंक रहे हैं. रास्ते में जंगलों में जहां नाले वगैरह का पानी मिला, वहीं नहा रहे हैं. आकाश के साथ ग्रुप में कई छोटे बच्चे और लड़कियां भी नजर आती हैं. आकाश इसी साल 26 जनवरी को अमेरिका पहुंचा और उसके 10 दिन बाद उसे डिपोर्ट कर दिया गया. परिवार ने उसे डंकी रूट से अमेरिका पहुंचाने के लिए 73 लाख रुपए खर्च किए. इसके लिए आकाश के हिस्से की जमीन बेच दी गई और करीब 15 लाख रुपये का लोन लिया गया.
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आकाश ने पनामा के जंगलों से अमेरिका तक सफर किया. आकाश पहले दिल्ली से मुंबई गया, फिर उसे मुंबई से ब्राजील की फ्लाइट में बैठाया गया. वो बिना वीजा के ब्राजील से बोलिविया फिर गुयाना और फिर वहां से ग्वाटेमाला पहुंचा, जहां से पनामा जंगलों में जाने का सफर शुरू हुआ. रास्ते में लाशें दिखीं. 2 बार नहर में डूबते डूबते बचा. 7 दिन में पनामा जंगल पार किया और टैक्सी से पनामा-मेक्सिको बॉर्डर पर पहुंचा. वहां पैसे देकर मैक्सिको बॉर्डर पर अमेरिका की 35 फुट ऊंची दीवार पर सीढ़ियों से चढ़ाया गया इतनी मेहनत करने के बाद जब अमेरिका में दाखिल हुआ तो वो पकड़ा गया. ऐसी ही कहानी कुरुक्षेत्र के रॉबिन ने भी सुनाई.
डंकी रूट के चक्कर में कर्ज में डूब रहे लोग
अमेरिका में बसने के लिए 70-80 लाख रुपये तक लोग खर्च कर रहे हैं. जबकि इतने रुपये खर्च करके भारत में ही कोई भी छोटा-मोटा धंधा शुरू किया जा सकता है. ऐसी सलाह साल 2019 में 32 लाख देकर अमेरिका गया करनाल का नौजवान दे रहा है. अंकित अमेरिका जाने के चक्कर में सिर से पांव तक कर्ज में डूब गया था. और डंकी रूट में उसे एजेंटों ने खूब लूटा, लेकिन अब वो भारत में ही काम करके आगे बढ़ने में लगे हैं. विदेश में काम करने का चलन हाल के सालों में बढ़ा है. विदेश में बसने वालों की पहली पसंद अमेरिका होता है. लोगों को लगता है कि अमेरिका जाकर जल्दी बहुत सारा पैसा कमाया जा सकता है, इसलिए वीजा और पूरे कागजात न होने पर भी लोग डंकी रूट से अमेरिका जाने को तैयार होकर ठगी का शिकार हो जाते हैं.
क्या होता है डंकी रूट?
अब सवाल ये भी है कि आखिर ये डंकी रूट शब्द का उत्पत्ति कहां से हुई है? दरअसल, डंकी शब्द पंजाब के डुंकी शब्द से आया है, जिसका मतलब होता है एक जगह से दूसरी जगह कूदना. डंकी रूट एक लंबा और बेहद मुश्किल सफर होता है. डंकी रूट से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में कई बार महीनों लग जाते हैं. इसमें लोग अवैध तरीके से ट्रक, विमान या नाव, पैदल चलकर या जंगलों के रास्ते एक देश से दूसरे देश जाते हैं. इस दौरान उन्हें खराब मौसम, भूख, बीमारी, दुर्व्यवहार और कभी-कभी मौत का भी सामना करना पड़ता है. इस यात्रा के दौरान लोगों को छुपकर रहना पड़ता है, क्योंकि अगर किसी की नजरों में आए तो पकड़े जाने का खतरा रहता है. डंकी रूट अपनाने के लिए लोगों को मानव तस्करों को लाखों रुपये देने पड़ते हैं. मानव तस्कर भी यह काम छुपकर और अवैध तरीके से करते हैं.
इसमें भागने वाले लोग एक या दो देशों से नहीं, बल्कि कई देशों से होते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं. इस यात्रा के लिए केवल एक देश का वीजा लिया जाता है, और फिर दूसरे देशों में जाने के लिए डंकी रूट शुरू हो जाता है.