लेबर पेन से तड़प रही थी महिला, अस्पताल के गेट पर ड्राइवर ने लगा दी बस, फिर...

केरल के त्रिशूर में एक महिला ने चलती बस में बच्चे को जन्म दिया. प्रसव के बाद नवजात और मां दोनों सुरक्षित बताए जा रहे हैं. बताया जाता है कि महिला को प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद बस के स्टाफ ने काफी सूझबूझ से काम लिया और बस को हॉस्पिटल लेकर चले गए. जब तक बस हॉस्पिटल पहुंची, महिला बच्चे को जन्म दे चुकी थी.

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महिला को बस से उतारकर अस्पताल ले जाते स्टाफ महिला को बस से उतारकर अस्पताल ले जाते स्टाफ
शिबिमोल
  • त्रिशूर,
  • 30 मई 2024,
  • अपडेटेड 7:30 PM IST

त्रिशूर से कोझीकोड जा रही केएसआरटीसी की चलती बस में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया. प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. बताया जाता है कि महिला और उसका पति त्रिशूर से थोट्टीलपलम जा रहे थे. इसी दौरान चलती बस में पेरामंगलम के पास महिला ने बच्चे को जन्म दिया. 

मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की दोपहर त्रिशूर से कोझीकोड के थोट्टीलपलम जा रही KSRTC की चलती बस में 37 वर्षीय एक महिला अपने पति के साथ सफर कर रही थी. इसी दौरान उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. पति ने इसकी सूचना तुरंत बस ड्राइवर और स्टाफ को दी. इसके बाद बस ड्राइवर ने तुरंत रूट बदल लिया और बस को त्रिशूर स्थित अमला हॉस्पिटल के इमरजेंसी विभाग की ओर ले जाने लगा. 

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इसके अलावा बस के स्टाफ ने हॉस्पिटल को इस मामले की सूचना भी दे दी. तब तक महिला प्रसव के अंतिम चरण में पहुंच चुकी थी. फिर बस के सभी यात्रियों को नीचे उतार दिया गया और जबतक महिला को लेकर बस हॉस्पिटल पहुंचती उसने बच्चे को जन्म दे दिया. बस के अंदर बच्चे को जन्म देने के बाद भी मां और बच्चे दोनों सुरक्षित हैं. 

हॉस्पिटल पहुंचने से पहले बस में प्रसव
हॉस्पिटल पहुंचने से पहले महिला बस में बच्चे को जन्म दे चुकी थी. इसके बाद डॉक्टर और नर्स ने तुरंत मां और नवजात को अपने ऑबजर्वेशन में ले लिया और बताया कि दोनों ही सुरक्षित हैं.  फिर दोनों को अविलंब हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया. दोनों को किसी भी तरह की कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है.

बस स्टाफ ने दिखाई सूझबूझ 
कहा जा रहा है कि यह सब बस के स्टाफ के पहल पर संभव हो सका. बस स्टाफ ने समय पर सही फैसला लिया. उसने तुरंत रूट बदल कर हॉस्पिटल का रास्ता ले लिया और फिर अस्पताल को भी सूचना दे दी. ताकि, अस्पताल में सारी तैयारी पहले से की जा सके. इसके बाद ही महिला का सुरक्षित प्रसव संभव हो सका.

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