Advertisement

बंगाल: टीएमसी में थम गया विवाद? अभिषेक बनर्जी बने रहेंगे राष्ट्रीय महासचिव, महुआ मोइत्रा को मिली ये जिम्मेदारी

ममता बनर्जी ने 20 सदस्यीय कार्यकारी राष्ट्रीय समिति बनाई, अभिषेक बनर्जी इस समिति के सदस्य हैं. ऐसा करके ममता बनर्जी ने एक संदेश दिया है कि अभिषेक उनके लिए अहम हैं जिन्हें वह बचाएंगी. राज्यसभा सदस्य सौगत रॉय और डेरेक ओ'ब्रायन जैसे नेता भी इस समिति का हिस्सा नहीं हैं. 

फाइल फोटो फाइल फोटो
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता,
  • 18 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:06 PM IST
  • अभिषेक बनर्जी के पद में कोई बदलाव नहीं
  • काकुली घोष और महुआ मोइत्रा होंगे लोकसभा प्रवक्ता

टीएमसी में जारी विवाद के बीच पार्टी की तरफ से हाल ही में 20 सदस्यों की कमेटी बना दी गई. इस कमेटी में अभिषेक बनर्जी को भी जगह दी गई. लेकिन डेरेक ओ ब्रायन और Sougata Ray जैसे दिग्गज नेताओं को शामिल नहीं किया गया है. जिसके बाद आज सभी को उनके पद भी सौंप दिए गए हैं.

जानकारी के मुताबिक अभिषेक बनर्जी के पद में कोई बदलाव नहीं किया गया है. ऐसे में वो राष्ट्रीय महासचिव बने रहेंगे. वहीं चंद्रिमा भट्टाचार्जी, जसवंत सिन्हा और सुब्रत बख्शी को उपाध्यक्ष का पद दिया गया है. इसके अलावा कोषाध्यक्ष- अरूप बिस्वास, राष्ट्रीय प्रवक्ता- सुखेंदु शेखर रॉय, राज्यसभा प्रवक्ता- सुखेंदु शेखर रॉय, लोकसभा प्रवक्ता की जिम्मेदारी काकोली घोष दस्तीदार और महुआ मोइत्रा को दी गयी है. इसके अलावा बॉबी हकीम को समिति समन्वयक का पद दिया गया है.

Advertisement

आपको बता दें कि National Working Committee पार्टी की सबसे बड़ी कमेटी मानी जाती है जहां पर हर फैसला होता है. इस बार कमेटी में कुल 20 लोग शामिल किए गए.

पश्चिम बंगाल की सियासत में हलचल

पश्चिम बंगाल की सियासत में जो मामला इस वक्त सबसे ज़्यादा चर्चा में है, वह है ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बीच खटपट. कहा जा रहा है कि दोनों के बीच ये मनमुटाव कई महीनों से चल रहा है. फिलहाल इन खबरों से टीएमसी में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है.

अपने और अभिषेक के बीच के मसले को सुलझाने के लिए अपने पद और अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए, ममता बनर्जी ने पुरानी राष्ट्रीय कार्य समिति को भंग किया और पार्टी में सभी औपचारिक पदों को अस्थायी रूप से खत्म कर दिया, जिससे पार्टी में सिर्फ उनके और महासचिव, पार्थ चट्टोपाध्यायपार्थ के पास ही औपचारिक पद रह गया था. पार्टी के वफादारों ने इस फैसले का 'मास्टर स्ट्रोक' के रूप में स्वागत किया.
 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement