
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं. पहले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा उन पर "सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने" के आरोप लगाए गए और अब रियल एस्टेट अरबपति निरंजन हीरानंदानी के बेटे दर्शन हीरानंदानी सरकारी गवाह बन गए हैं. इन सबके बीच अब टीएमसी ने पार्टी नेताओं को इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं बोलने को कहा है.
टीएमसी ने किया किनारा!
सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं. पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी को मामले की जानकारी दे दी गई है और पार्टी नेताओं को इस मामले पर नहीं बोलने को कहा गया. पार्टी ने फिलहाल 'वेट एंड वॉच' की नीति अपनाई है क्योंकि मामला संसद की एथिक्स कमेटी के पास चला गया है और वह उचित समय पर फैसला करेगी. अब खुद के बचाव की जिम्मेदारी खुद महुआ पर है. सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी अनुशासन समिति की दुर्गा पूजा के बाद इस मामले पर बैठक होने की संभावना है.
महुआ का बयान
वहीं महुआ मोइत्रा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, 'अगर सीबीआई और एथिक्स कमेटी (जिसमें भाजपा सदस्यों का पूर्ण बहुमत है) मुझे बुलाती हैं तो मैं उनके सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हूं.मेरे पास अडाणी द्वारा निर्देशित मीडिया सर्कस ट्रायल का जवाब देने का समय नहीं है और ना ही बीजेपी ट्रोल्स को जवाब देने के लिए समय है और न ही रुचि. मैं नादिया में दुर्गा पूजा का आनंद ले रही हूं. शुभो षष्ठी.'
आपको बता दें कि दर्शन हीरानंदानी ने जो हलफनामा दिया है वो निशिकांत दुबे द्वारा महुआ मोइत्रा पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि करता है. हीरानंदानी ने कबूल किया कि आरोप बिल्कुल सच हैं और महुआ मोइत्रा ने ही अपने संसद अकाउंट के लॉग-इन और पासवर्ड शेयर किए थे.
31 अक्टूबर को होगी सुनवाई
इस बीच दिल्ली उच्च हाईकोर्ट में आज महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई हुई और दोनों तरफ से जमकर दलीलें दी गई. इस याचिका में महुआ द्वारा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, एक वकील और कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म और मीडिया संस्थानों को उनके खिलाफ कोई भी फर्जी और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने, प्रसारित करने या प्रकाशित करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी.
दर्शन हीरानंदानी के एफिडेविट में क्या लिखा है-
'मैं महुआ को 2017 से जानता हूं. तब मैं उनसे बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में मिला था. उस वक्त महुआ बंगाल में विधायक थीं और समिट में उद्योगपतियों से मिली थीं. उस मुलाकात के बाद मैं और महुआ लगातार संपर्क में रहे और धीरे-धीरे करीबी दोस्त बन गए. - महुआ बहुत महत्वाकांक्षी थीं. वह राष्ट्रीय स्तर पर जल्द अपना नाम बनाना चाहती थीं. महुआ को उनके करीबियों ने सलाह दी कि इसका सबसे छोटा रास्ता पीएम नरेंद्र मोदी पर निजी हमला है. लेकिन इसमें समस्या थी कि पीएम मोदी की प्रतिष्ठा बड़े स्तर पर है. कोई नीति, शासन या निजी आचरण के स्तर पर उनपर कोई आरोप नहीं लगा सकता. ऐसे में महुआ को लगा कि पीएम मोदी पर गौतम अडाणी से जुड़े आरोप लगाए जा सकते हैं, क्योंकि दोनों समकालीन हैं और दोनों गुजरात से हैं. अडानी की तरक्की से कुछ बिजनेसमैन में जलन थी. इसलिए महुआ को उनसे भी मदद मिली.'
हीरानंदानी आगे लिखते हैं, '...महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने मुझसे बार-बार मांगें कीं और मुझसे तरह-तरह के अनुग्रह मांगे, जिन्हें मुझे पूरा करना पड़ा. उनके संपर्क में रहने और समर्थन पाने के लिए जो मांगें थीं, वो पूरे किए. उनमें महंगे सामान, गिफ्ट देना शामिल था. - दिल्ली में महुआ के आधिकारिक रूप से आवंटित बंगले के नवीनीकरण, यात्रा व्यय पर खर्चा किया. मैं उन्हें नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकता था. कई बार मुझे लगा कि वो मेरा अनुचित फायदा उठा रही हैं और मुझ पर उन चीजों के लिए दबाव डाल रही है जो मैंने नहीं किया. लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था.'
महुआ का पलटवार
कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कबूलनामे के बाद टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया के जरिए उनके लगाए गए आरोपों का खंडन किया है. इसके साथ ही उन्होंने 2 पन्नों का एक ओपन लेटर भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने बिंदुवार कई सवाल उठाए हैं.उन्होंने दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आरोप व्हाइट पेपर पर हैं, ना कि आधिकारिक लेटरहेड या नोटरीकृत पत्र में लगाए गए हैं. देश का एक सम्मानित और पढ़ा-लिखा कारोबारी-व्यवसायी, व्हाइट पेपर पर क्यों सिग्नेचर करेगा, जब तक कि ऐसा करने के लिए उसके सिर पर बंदूक नहीं रखी गई हो? उन्होंने कहा कि हलफनामे का कंटेंट एक मजाक भर है. यह स्पष्ट रूप से पीएमओ के लोगों और उन लोगों के जरिए तैयार किया गया है जो कि बीजेपी की आइटी सेल के लिए क्रिएटिव राइटिंग करते हैं.