
पश्चिम बंगाल की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को सोमवार को कुछ देर के लिए निलंबित कर दिया गया. दोपहर में टीएमसी नेता ने शुभेंदु को विधानसभा से निलंबित करने का प्रस्ताव रखा था. शुभेंदु पर स्पीकर पर आरोप लगाने के बाद मामला गरमा गया था. हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पीकर से नेता विपक्ष को माफ करने का अनुरोध किया, जिसके बाद प्रस्ताव वापस ले लिया गया.
विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से बताया गया कि कार्य संचालन नियमावली के नियम 228 के तहत शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ स्पीकर के कार्य पर आरोप लगाने का प्रस्ताव रखा गया था. मांग की गई थी कि शुभेंदु अधिकारी को 20 फरवरी तक बंगाल विधानसभा से निलंबित किया जाए. यह प्रस्ताव विधानसभा में उप मुख्य सचेतक तापस रॉय ने पेश किया था.
टीएमसी नेता तापस राय ने रखा था प्रस्ताव
टीएमसी नेता तापस राय का कहना था कि स्पीकर की कुर्सी की गरिमा की रक्षा के लिए मैंने यह प्रस्ताव पेश किया है. हालांकि, स्पीकर की तरफ से कहा गया कि सीएम ने अपने भाषण में नेता प्रतिपक्ष को माफ करने का अनुरोध किया है. जिसके बाद तापस राय ने प्रस्ताव वापस ले लिया.
थोड़ी देर बाद वापस ले लिया निलंबन प्रस्ताव
बीजेपी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ी राहत दी है. स्पीकर पर आरोप लगाने के मामले में शुभेंदु अधिकारी को 20 फरवरी तक विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था. इस संबंध में टीएमसी नेता ने विधानसभा में प्रस्ताव रखा था. हालांकि, थोड़ी देर बाद स्पीकर ने शुभेंदु अधिकारी का निलंबन वापस ले लिया. दरअसल, खुद सीएम ममता बनर्जी ने ये निलंबन वापस लेने का आग्रह किया था. जिसके बाद प्रस्ताव वापस ले लिया गया.
बंगाल विधानसभा में विपक्ष ने किया था वॉकआउट
इससे पहले विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बोस द्वारा अपना भाषण पूरा करने से रोके जाने के बाद भाजपा ने सोमवार को सदन से वॉकआउट कर दिया था. अवकाश के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो शुभेंदु ने राज्यपाल के उद्घाटन भाषण की आलोचना की और अपना भाषण देना शुरू कर दिया. हालांकि, स्पीकर ने उनसे सदन के पटल पर इस तरह के आरोप नहीं लगाने के लिए कहा.
बाद में भाजपा विधायक दल ने इसके विरोध में अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट किया. सीएम ममता बनर्जी ने विधानसभा को बताया कि स्पीकर पर आरोप लगाने के लिए शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश करने का मेरा अधिकार सुरक्षित है. बाद में अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सदन में शुभेंदु के व्यवहार की निंदा की.