
तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सोमवार को दिल्ली में चुनाव आयोग दफ्तर के बाहर 24 घंटे के विरोध प्रदर्शन और धरने का ऐलान किया. टीएमसी सांसदों ने केंद्र पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया और सीबीआई, एनआईए, ईडी और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों के वर्तमान प्रमुखों को हटाने की मांग की.
चुनाव आयोग की फुल बेंच से मुलाकात करने वाले 10 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन, डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष समेत अन्य शामिल हैं. पुलिस ने धरने पर बैठे सांसदों को हटाने का प्रयास किया और सभी को हिरासत में ले लिया.
चार एजेंसियों के प्रमुखों को बदलने की मांग
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने कहा, 'हम पिछले हफ्ते भी यहां आए थे. हमने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया है. हमने चुनाव आयोग से चार केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों को बदलने की अपील की है.' इसके बाद सांसदों ने ईसी दफ्तर के बाहर 24 घंटे के धरने का आह्वान किया लेकिन कुछ देर बाद ही पुलिस ने सांसदों को हिरासत में ले लिया.
विपक्ष को टारगेट करने का आरोप
नेताओं का आरोप है कि केंद्रीय एजेंसियां आम चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं को टारगेट कर रही हैं और एजेंसियों की गिरफ्तारियों का मकसद पूरी तरह राजनीतिक है. तृणमूल सांसद डोला सेन ने कहा, '2022 के एक मामले में एनआईए की ओर से 2024 में गिरफ्तारी की जाती है. चार केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों को बदला जाना चाहिए.'
'विपक्षी नेताओं का जीना मुश्किल हो गया'
सागरिका घोष ने कहा, 'हमने 1 अप्रैल को चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की थी. चुनावी लोकतंत्र में समान अवसर बुनियादी बात है.' उन्होंने कहा, 'सीबीआई, एनआईए, ईडी और आयकर विभाग जिस तरह से काम कर रहे हैं, इससे विपक्ष का जीना मुश्किल हो गया है.' उन्होंने कहा कि सांसदों ने चुनाव आयोग से एनआईए, ईडी, सीबीआई और आयकर प्रमुखों को बदलने का अनुरोध किया है.