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अर्पिता से कनेक्शन और कैश के अंबार पर घिरे Partha Chatterjee, अब TMC प्रवक्ता बोले- इस्तीफा देना चाहिए

शिक्षक भर्ती घोटाले के बाद ईडी के शिकंजे में फंसे पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से हटाने की मांग तेज हो गई है. विपक्षी दलों के साथ अब ये मांग टीएमसी से भी सामने आने लगी है. टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने पार्थ चटर्जी को तुरंत मंत्रालय और पार्टी के सभी पदों से हटाने की मांग की है. कुणाल ने यह तक कह दिया है कि अगर पार्टी को लगता है कि उनका बयान गलत है तो पार्टी उन्हें हटा सकती है.

पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता ,
  • 28 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 10:47 AM IST

पश्चिम बंगाल में ईडी की कार्रवाई के बाद से विपक्ष मंत्री पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से हटाने की मांग कर रहा है. इस बीच अब टीएमसी में भी पार्थ चटर्जी को लेकर बगावत होने लगी है.

टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि पार्थ चटर्जी को तुरंत मंत्रालय और पार्टी के सभी पदों से हटाया जाना चाहिए. उन्हें पार्टी से निकाला जाना चाहिए. इतना ही नहीं कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी को लगता है कि मेरा बयान गलत है तो पार्टी को मुझे हटाने का पूरा अधिकार है. मैं हमेशा टीएमसी का सिपाही रहूंगा.

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बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) को अर्पिता के दो ठिकानों से कैश का पहाड़ मिल चुका है. एक दिन पहले 27 जुलाई को कोलकाता में अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थित एक और फ्लैट से ईडी को करीब 29 करोड़ कैश (28.90 करोड़ रुपए) और 5 किलो सोना मिला था. ईडी की टीम को ये पैसा गिनने में करीब 10 घंटे का समय लगा था. चौंकाने वाली बात ये है कि अर्पिता ने ये पैसा फ्लैट के टॉयलेट में छिपा रखा था.

ईडी ने टीचर भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में हाल ही में पश्चिम बंगाल में ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था. अर्पिता मुखर्जी पार्थ चटर्जी की करीबी हैं. पांच दिन पहले ही ईडी को अर्पिता के फ्लैट से 21 करोड़ कैश और तमाम कीमती सामान मिले थे.

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ईडी ने अर्पिता को 23 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था. इतना ही नहीं शिक्षक भर्ती घोटाले में मनी ट्रेल की जांच कर रही ईडी ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य से भी पूछताछ की थी.

ईडी ने बुधवार सुबह दक्षिण कोलकाता के राजडांगा और बेलघरिया में कई ठिकानों पर छापे मारे थे. ये प्रॉपर्टियां कथित रुप से अर्पिता मुखर्जी की हैं. ईडी की पूछताछ में अर्पिता मुखर्जी ने इन संपत्तियों का खुलासा किया था. ईडी को इन फ्लैट में घुसने के लिए दरवाजा तोड़ना पड़ा था, क्योंकि जांच एजेंसी को इनकी चाबी नहीं मिली थी.

ईडी अफसरों ने समाचार एजेंसी से बातचीत में बताया कि हमें एक हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के एक फ्लैट से अच्छी रकम मिली है. कैश को गिनने के लिए तीन नोट गिनने की मशीनें लानी पड़ीं. इतना ही नहीं फ्लैट से कई अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. मंत्री और अर्पिता से पूछताछ को लेकर पूछे गए सवाल पर ईडी अधिकारी ने बताया कि अर्पिता जांच में सहयोग कर रही हैं, जबकि पार्थ चटर्जी ऐसा नहीं कर रहे हैं.

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