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तमिलनाडु: अभिभाषण को लेकर राज्यपाल और सरकार में ठनी, गवर्नर ने छोड़ा सदन

तमिलनाडु में सोमवार को सियासत का एक बुरा दौर देखने को मिला. दरअसल, राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर राज्य की सरकार और राज्यपाल के बीच ठन गई. इसके बाद नाराज राज्यपाल राजभवन छोड़कर चले गए. दरअसल, सीएम स्टालिन ने राज्यपाल के अभिभाषण में कुछ शब्दों को छोड़ने पर खेद व्यक्त किया था.

सीएम स्टालिन और राज्यपाल आरएन रवि (File Photo) सीएम स्टालिन और राज्यपाल आरएन रवि (File Photo)
प्रमोद माधव
  • चेन्नई,
  • 09 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST

तमिलनाडु की सियासत में सोमवार को अजीब स्थिति देखने को मिली, जब अभिभाषण के बाद राज्यपाल सदन छोड़कर चले गए. अभिभाषण के मुद्दे पर राज्यपाल आरएन रवि और सत्ताधारी DMK के बीच विवाद गहरा गया. दरअसल, राज्यपाल ने विधानसभा में सरकार के द्वारा तैयार किया गए अभिभाषण के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया.

राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सीएम स्टालिन ने तैयार किए गए अभिभाषण के कुछ अंशों को अनदेखा करने पर खेद व्यक्त किया. इस बीच सीएम ने प्रस्ताव पारिसत किया और उसे अपना लिया गया. इस घटना के बाद राज्यपाल तुरंत सदन से चले गए. विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ.

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दरअसल, राज्यपाल ने अभिभाषण के दौरान जिन शब्दों को छोड़ दिया था, उनमें 'द्रविड़ियन मॉडल' भी शामिल था . आरएन रवि ने सत्तारूढ़ द्रमुक के सहयोगी दलों के विधायकों द्वारा उनके खिलाफ जारी नारेबाजी के बीच साल के पहले सत्र की शुरुआत करते हुए संबोधन शुरू किया.

राज्यपाल ने तमिल में अपना भाषण शुरू किया. सदस्यों को नए साल और फसल उत्सव 'पोंगल' की बधाई दी. इस दौरान ही विधायकों ने 'तमिलनाडु वाझगवे' (तमिलनाडु अमर रहे) और 'एंगल नाडु तमिलनाडु' (हमारी भूमि तमिलनाडु) के नारे लगाने शुरू कर दिए. हालांकि, कुछ देर बाद नारेबाजी बंद हो गई.

बता दें कि तमिलनाडु में कांग्रेस, सीपीआई और सीपीआई (एम) सत्तारूढ़ पार्टी DMK के सहयोगियों में से एक है. राज्य में इस विवाद के बीच भाजपा विधायक वनथी श्रीनिवासन ने आरोप लगाया कि राज्यपाल के लिए तैयार किए अभिभाषण के लिए सरकार ने राजभवन की सहमति नहीं ली  थी. श्रीनिवासन ने राज्यपाल का बचाव करते हुए DMK शासन पर निशाना साधा.

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सीएम स्टालिन ने अपने भाषण में कहा कि भले ही राज्यपाल हमारे द्रविड़ आदर्श सिद्धांतों के खिलाफ काम कर रहे हैं, हमने विधानसभा की परंपरा का पालन किया और भाषण समाप्त होने से पहले अपना विरोध नहीं दिखाया. उन्होंने (राज्यपाल) न केवल हमारे बल्कि सरकार के सिद्धांतों के भी खिलाफ काम किया और भाषण की कॉपी को पूरा नहीं पढ़ा.

उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा नियम 17 में ढील देते हुए, मैं अंग्रेजी में मुद्रित भाषण और असेंबली रिकॉर्ड में अध्यक्ष द्वारा पढ़ी गई तमिल प्रति लेने का आग्रह करता हूं. मैं राज्यपाल के शब्दों के उन हिस्सों को नहीं निकालने का प्रस्ताव भी रखता हूं, जो भाषण की प्रति का हिस्सा नहीं थे.

कांग्रेस ने राज्यपाल पर अपने भाषण में महत्वपूर्ण शब्दों को छोड़ने का आरोप लगाया. कांग्रेस विधायक सेल्वापेरुंधगाई का दावा है कि राज्यपाल रवि ने द्रविड़ मॉडल, शांतिपूर्ण तमिलनाडु, पेरियार, अंबेडकर और अन्ना के नामों को छोड़ दिया.

 

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