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सेना में Tour Of Duty के तहत चार साल के लिए होगी भर्ती, मोदी सरकार का है ये प्लान

सेना में Tour Of Duty के तहत चार साल के लिए भर्ती करने की तैयारी है. कल यानी की शनिवार को इस प्रोजेक्ट पर मंथन होने जा रहा है. इस प्रोजेक्ट की एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाएगी.

सेना में Tour Of Duty के तहत चार साल के लिए होगी भर्ती सेना में Tour Of Duty के तहत चार साल के लिए होगी भर्ती
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2022,
  • अपडेटेड 11:25 PM IST
  • मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है Tour Of Duty
  • कल प्रोजेक्ट के नियमों पर लग सकती है मुहर

भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देश के कई युवा देखते हैं. उन्हीं युवाओं को मोदी सरकार एक सुनहरा अवसर देने की तैयारी कर रही है. Tour Of Duty प्रोजेक्ट के जरिए सेना में छोटे अंतराल के लिए युवाओं को शामिल किया जाएगा. ये अंतराल चार साल तक का हो सकता है. कल शनिवार को सरकार इस प्रोजेक्ट को लेकर एक अहम बैठक करने जा रही है जिसमें तमाम नियमों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और एक फाइनल लेआउट तैयार कर लिया जाएगा.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसके जरिए सेना में शामिल हो रहे जवानों की औसत उम्र कम करने का प्रयास रहेगा और रक्षा बलों के खर्चे में भी कमी लाई जाएगी. प्रोजेक्ट को लेकर ये भी जानकारी सामने आई है कि चार साल के अंतराल के बाद ज्यादातर जवानों को उनकी सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा और सिर्फ उन 25 फीसदी जवानों को भविष्य में फिर सेना में शामिल किया जाएगा जो निपुण होंगे, सक्षम होंगे. ये भी तभी संभव रहेगा अगर उस समय सेना में भर्तियां निकलीं हों.

जानकारी तो ये भी सामने आई है कि चार साल के अंतराल के बाद उन जवानों को दूसरी जगह नौकरी दिलवाने में भी सेना एक सक्रिय भूमिका निभा सकती है. तर्क दिया जा रहा है कि सेना में अगर कोई चार साल काम कर लेगा, तो उसकी प्रोफाइल मजबूत बन जाएगी और हर कंपनी ऐसे युवाओं को हायर करने में दिलचस्पी दिखाएंगी. इसके अलावा इस प्रोजेक्ट की वजह सेना को करोड़ों रुपये की बचत भी हो सकती है. एक तरफ पेंशन कम लोगों को देनी पड़ेगी तो वहीं दूसरी तरफ वेतन में भी बचत हो जाएगी.

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वैसे इस प्रोजेक्ट की रूपरेखा पर बात करने के दौरान ट्रेंड लोगों की जल्द भर्ती का मुद्दा भी उठाया जा सकता है. लंबे समय इस बात की शिकायत है कि कुछ ट्रेंड लोगों को भी काफी दिनों तक तकनीकी प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है, ऐसे में उनकी भर्ती में कई दिन लग जाते हैं. मांग उठी है कि जो लोग पहले से ही ट्रेंड हैं, उनकी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से सीधी भर्ती करवानी चाहिए. ऐसा होने पर समय की काफी बचत हो जाएगी.
 

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